भोपाल : 16/09/2023 :( नुजहत सुल्तान ) वल्लभ नगर निवासी वृहस्पति पटेल ने 28 दिसंबर 2016 को कोर्ट में परिवाद दायर कर शिकायत की थी कि, मां गुलाब कली पटेल का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हबीबगंज शाखा में खाता था, बैंक ने उन्हें बताया कि, 14 सितंबर 2014 से एक बीमा योजना लागू हो रही है, जिसमें 2000 रु. हर साल प्रीमियम की राशि लगेगी | यह राशि खाते से कटेगी और हर साल ऑटो रिन्युअल हो जाएगी | 16 सितंबर 2014 को मां से एक फार्म बैंक ने भराया, जिसमें वृहस्पति को नॉमिनी बनाया गया था | वृहस्पति ने बताया कि उनकी मां की मौत 10 अक्टूबर 2015 को एक दुर्घटना में सिर पर चोट लगने से हुई थी | इसकी सूचना पुलिस को दी गई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ बैंक में चार लाख रु. की बीमा राशि के लिए आवेदन दिया तो पता चला कि, उनकी मां के खाते से बैंक ने प्रीमियम राशि नहीं काटी, जबकि खाते में पर्याप्त राशि थी | बैंक ने बीमा राशि देने से इनकार कर दिया | तब यह मामला कोर्ट तक पहुंचा तो कोर्ट में पासबुक पेश की गई, जिसमें पाया गया कि, 16 सितंबर 2014 से लेकर 6 नवंबर 2016 तक बीमा के प्रीमियम की राशि कटी गई है | वहीं पोस्ट मार्टम में पता चला कि, खाताधारक की मौत अप्राकृतिक थी | आयोग में बैंक ने पक्ष रखते हुए कहा कि, 16 मई 2015 को जारी बैंक सर्कुलर में पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी से संबंधित ऑटो रिन्युअल नए खाता धारकों के लिए किया जाने लगा, लेकिन इसके पहले कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए खाताधारक गुलाब कली पटेल के खाते से कोई प्रीमियम की राशि ऑटो रिन्युअल के तहत नहीं काटी गई | इस मामले में आयोग की बेंच-1 ने उपभोक्ता के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए बीमा की 4 लाख रु. राशि, 10 हज़ार हर्जाना और 5 हज़ार रु. परिवाद व्यय देने के आदेश दिए हैं |
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