भोपाल : 16/09/2023 : मप्र सरकार की बाल प्रायोजन योजना अब भगवान भरोसे चल रही है योजना के तहत सरकार के पास बीते साल तक 10 लाख रू. का बजट था, जिससे गिनती के 41 बच्चों को ही योजना का लाभ मिल रहा था | इस साल बजट की सीमा हटाए जाने के बाद भी केवल 24 बच्चों को ही योजना का लाभ मिल पा रहा है, जबकि, योजना के तहत पेंडिंग आवेदन की संख्या एक हज़ार से भी ज़्यादा है | बीते साल तक निजी संस्थाओं की मदद से जिले के 500 से अधिक बच्चों को हर महीने दो हज़ार रु. की मदद मिल रही थी, लेकिन अब वह भी बंद हो चुकी है | खास बात यह है कि योजना का लाभ लेने के लिए भोपाल में चल रहे महिला एवं बाल विकास विभाग के 10 परियोजना कार्यालयों से जुड़े 967 आवेदनों को जिला परियोजना अधिकारी कार्यालय तक नहीं पहुंचाया गया था | जहां उन्हें स्वीकृत करके पांच महीने पहले से संचालनालय भेजा जा चुका है, लेकिन उनमें से एक भी आवेदन पर योजना का लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ | योजना के इंतज़ार में ज़्यादातर आवेदन दो-दो साल से लंबित हैं | इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के वह बच्चे आते हैं, जिसमें एकल माता -पिता या जिनके माता –पिता असहाय या गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं | एवं जो गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं | और जो माता - पिता गंभीर बीमारी के चलते अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ हैं इसके अलावा ऐसे बच्चे जो सम्पूर्ण परिवार की देखरेख कर रहे है, योजना के तहत पात्र माने जाते हैं | योजना के अंतर्गत प्रतिमाह दो हज़ार रु. बैंक खाते में डाले जाते हैं, इसमें सरकार के अलावा निजी सस्थाओं, व्यक्तियों द्वारा भी आगे बढ़कर बच्चो की मदद की जा सकती है | लेकिन इस योजना के लाभ से अभी हजारों बच्चे वंचित रह गए हैं, इस मामले में जब महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक से बात की, तो उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी | दूसरे संयुक्त संचालक ने योजना के लिए जिला परियोजना अधिकारी से संपर्क करने का कहकर फोन काट दिया | जब जिला परियोजना अधिकारी सुनील सोलंकी से संपर्क किया तो उन्होने कोई जवाब नहीं देते हुए बात को गोलमोल कर दिया |
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