जबलपुर : 21/09/2023 : लॉं स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से पिछले साल यह मामला दायर किया गया था | जिसमें प्रदेश में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती दी गई है | याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई, वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं | अधिकांश कॉलेजों की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं है | कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं | ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है | बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है | वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने डीएमई की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट को बताया कि, कुल 364 में से 284 नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें माइग्रेटेड फ़ैकल्टी पाई गई है | 227 कॉलेजों में डुप्लीकेट फ़ैकल्टी कार्यरत थी | इस मामले में बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, कोर्ट के पूछने पर सीबीआई ने कहा कि, जांच 3 माह में पूरी कर रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी | कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ अब सीबीआई माइग्रेटेड और डुप्लीकेट फ़ैकल्टी की भी जांच करेगी | मामले पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने दलील दी कि, करीब 75 ऐसे कॉलेज हैं, जिन्हें सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है | कुछ कॉलेज ऐसे हैं, जिनकी जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है | आगामी 30 सितंबर को कॉलेजों में प्रवेश की अंतिम तिथि है, उन्होने तर्क दिया कि इस प्रकरण के चलते पूरा मेडिकल एजुकेशन प्रभावित हो रहा है | पिछले सत्र की परीक्षाएं रुकी हैं, और नए प्रवेश नहीं हो रहे हैं |
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