भोपाल : 09/10/2023 :( नुजहत सुल्तान ) भारत सरकार ने चाइल्ड लाइन सेवा का संचालन करने वाली मदर एनजीओ चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन से करार इसलिए खत्म किया था, ताकि प्रदेश में नए पदों का सृजन हो और अनुभवी लोग चाइल्ड लाइन का संचालन कर सके | राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि केंद्र की गाइडलाइन का उपयोग गलत तरीके से किया जा रहा है | केंद्र की मंशा इसमें नए पदों के सृजन की थी, लेकिन मप्र सरकार फिर एनजीओ को ही यह काम सौंपना चाहती है | प्रदेश के सभी जिलों में शुरूआती दौर में महिला बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण ईकाई को ही यह काम देखना है | वहीं डीसीपीयू यूनिट के माध्यम से बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान की जानी है | इस पर अनुभवी लोगों को योग्यता के अनुसार नौकरी देनी है | उन्होने मुख्य सचिव से दोबारा विचार कर केंद्र की गइडलाइन का पालन कराने के लिए भी कहा है | भारत सरकार ने गइडलाइन जारी राज्य सरकारों को चाइल्ड लाइन सेवा का संचालन करने के आदेश मार्च में जारी किए थे, लेकिन 5 अक्टूबर को हुए आदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा कि चाइल्ड लाइन का संचालन वरिष्ठ और अनुभवी एनजीओ के जरिए कराया जाए | अभी तक देश में चाइल्ड लाइन सेवा का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन नामक एनजीओ करता है | इसके संचालन की एक मुश्त राशि भारत सरकार द्वारा इसे दी जाती थी | इसके बाद प्रदेश और जिला स्तर पर यह एनजीओ अपने पसंद की संस्थाओं को चाइल्ड लाइन सेवा का काम देता था | पाया गया कि अधिकतर काम विशेष एनजीओ को ही दिए जाते हैं | साथ ही इनकी कई शिकायतें मिलने लगी | इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर इस संस्था से भारत सरकार ने करार खत्म कर दिया है | इसके बाद सबसे बड़ा बदलाव इसके टोल फ्री नंबर का होगा | अभी तक चाइल्ड लाइन संबंधी सूचनाएं 1098 पर जाती थी, लेकिन अब 1098 नंबर की कॉल सेवा नए नंबर 112 पर होगी |
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