भोपाल : 17/10/2023 : वोटर कार्ड 45 दिनों के भीतर बनाने का नियम है, इसके लिए वोटर को ऑनलाइन या मैन्युअल फार्म भरना होता है | वेरिफिकेशन के बाद वोटर कार्ड का इपिक जनरेट होता है | ऑनलाइन ही इसे वेंडर को भेज दिया जाता है | मप्र में तीन वेंडर्स को कार्ड की ज़िम्मेदारी सौंपी है | लेकिन भोपाल के डेढ़ लाख से अधिक लोगों के वोटर कार्ड अब तक प्रिंट होकर नहीं मिले हैं | इसमें सबसे अधिक वह लोग हैं जो पहली बार वोट डालेंगे | वहीं जिन लोगों ने पते, सरनेम के अलावा अन्य तरह की डिटेल में संशोधन कराया है, ऐसे करीब 90 हज़ार लोगों को वोटर आईडी कार्ड नहीं मिले हैं | इसी तरह रिप्लेंसमेंट वाले 1975 लोगों के वोटर कार्ड अभी तक नहीं मिल पाए हैं | गौरतलब है कि पिछले नगर-निगम चुनाव के समय भी बीएलओ की गलती के कारण वोटर आईडी कार्ड लोगों को नहीं बंट पाए थे, और न ही समय पर लोगों को वोटर पर्चियां दी गई थी | जिसके कारण 40 हज़ार से अधिक मतदाता वोटिंग नहीं कर पाए थे | इस मामले में एक बात का ध्यान रखना अवश्य है कि यदि किसी वोटर को कार्ड नहीं मिलता है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल कर सकता है | इसके बाद कार्ड को ट्रैक करने की कार्रवाई की जाएगी | अगर किसी को वोटर कार्ड नहीं मिला है तो वे इपिक का उपयोग कर सकते हैं, इसका प्रिंट आउट भी लिया जा सकता है | यदि आपके पास वोटर कार्ड नहीं है तो आप निर्वाचन आयोग द्वारा मान्य किए गए दस्तावेज़ लेकर पोलिंग बूथ पर जा सकते हैं | आपको पहले अपना नाम वोटर लिस्ट में खोजना होगा | यहां से आप मतदाता पर्ची के ज़रिए वोट डाल पाएंगे | यदि आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो आपको कहाँ पर वोट डालना है यह पता लगाना होगा | वोटर आईडी नहीं होने की स्थिति में आपको पोलिंग बूथ के बाहर वोटर लिस्ट में नाम देखने में इंतज़ार करना पड़ेगा | वोटर आईडी होने से समय की भी बचत होती है |
|