भोपाल : 17/10/2023 :( नुजहत सुल्तान ) साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए शहर मे 4 साल पहले शहर भर के नालो और पुलियो को ढंकने के लिए 2 करोड़ रु. खर्च करके वर्टिकल गार्डन बनाए गए थे | साथ ही इसके सौंदर्यीकरण के नाम पर 50 लाख रु. खर्च किए गए थे | लेकिन अब स्थिति यह है कि यहाँ बनाए गए वर्टिकल गार्डन गायब हो चुके हैं | सड़कों के किनारे लोहे की जालियों की मदद से नालों को ढंकने वाले वर्टिकल गार्डन का तो नामो निशान तक गायब हो चुका है | अधिकतर जगहों पर पौधे सूखने के बाद गमले चोरी हो गए हैं | वहीं अब धीरे-धीरे लोहे की जालियां भी गायब हो रही हैं | शहर को खूबसूरत बनाने के लिए सौंदर्यीकरण की इस प्लानिंग में बकायदा लोहे के फ्रेम तैयार कराए थे | फिर एक जगह चुन कर वहां प्लास्टिक के छोटे गमले रखकर उनमें फूलदार और आकर्षक पौधे लगाए गए | शुरुआत में सब कुछ ठीक चला, लेकिन समय गुजरने के साथ ही सही मेंटेनेंस नहीं होने से अधिकांश जगह यह गार्डन सिर्फ नाम मात्र के ही रह गए | अधिकतर स्थानों पर पानी न मिलने के कारण गमलों में लगे पौधे सूख गए | इसके अलावा कई जगहों से पौधे सहित गमले ही गायब हो गए | गौर करने वाली बात तो यह है कि इस संबंध में निगम के अफसरों को कोई जानकारी ही नहीं है | या फिर उनकी लापरवाही समझिए कि वह इस और ध्यान ही नहीं दे रहे हैं | शहर के मुख्य मार्गों पर ही ये वर्टिकल गार्डन लगाए गए थे, जहां ये लगाए गए थे वहीं से नगर-निगम के अफसरों का रोज़ गुज़र होता है | इसके बाद भी उनकी नज़र इनपर नहीं पड़ती | वर्टिकल गार्डन का मकसद था कि जब शहर में सर्वे टीम आए तो उसे शहर साफ सुथरा नज़र आए केंद्र की टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों का दौरा भी किया, लेकिन उसके जाने के बाद इन गार्डन की सुध किसी ने नहीं ली, हालांकि निगम अधिकारी इन्हें दोबारा विकसित करने की बात कह रहे हैं |
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