नई दिल्ली : 18/10/2023 : वीप्रोटेक्ट ग्लोबल अलायंस ने अपनी चौथी ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट (वैश्विक खतरा आकलन) रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक 2019 के बाद बाल यौन शोषण सामग्री के मामलों में 87% की वृद्धि हुई है | और वैश्विक स्तर पर 3.2 करोड़ से अधिक ऐसे मामले दर्ज हुए हैं | बेहद चिंता की बात यह है कि भारत उन देशों में से एक है जहां 2020 से अब तक ऐसे मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है | यह रिपोर्ट जो 2023 में बच्चो के लिए ऑनलाइन सामने आने वाले खतरों के बारे में है | 2020 से 2022 तक 7-10 साल के बच्चो की स्व-निर्मित यौन कल्पना में 360% की वृद्धि हुई है | चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि सोशल गेमिंग प्लेटफार्म पर बच्चो के साथ बातचीत 19 सेकंड के भीतर हाई रिस्क ग्रूमिंग स्थितियों में बदल सकती है | जबकि, ग्रूमिंग का औसत समय केवल 45 मिनट है | इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जहां बच्चो से वसूली 139 मामले सामने आए थे, वे 2022 में बढ़कर 10,000 से अधिक हो गए |
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