भोपाल : 20/10/2023 : कभी-कभी इंसान इतना स्वार्थी हो जाता है कि वह खुद को बचाने के लिए दूसरे की जान लेने से भी गुरेज नहीं करता | वह किसी को भी मारने का विचार बना लेता है | लेकिन यह नहीं सोचता कि बुरे काम का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है | भले ही इंसान कितना भी भाग ले लेकिन एक न एक दिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ ही जाता है | इसी तरह की एक कहानी का खुलासा हुआ है | दरअसल, राजेश परमार जो भोपाल सेंट्रल जेल से पैरोल (अस्थाई मुक्ति) पर छूटकर आया था, और जब से ही वह अपने हूबहू की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था | जब उसे अपने से मिलता –जुलता व्यक्ति राजू रैकवार मिला तो राजेश ने उसको झांसे में लिया और फिर उस पर 12 लीटर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया | और जब से ही वह फरार था, इस घटना को करीब 4 साल बीत गए हैं | जब से ही पुलिस राजेश की तलाश कर रही थी | फिर एक दिन पुलिस को पता चला कि राजेश परमार चेन्नई में है | रातीबड़ थाना प्रभारी सुनील भदौरिया और एएसआई कर्मवीर सिंह राजेश को ढूंढने के लिए चेन्नई रवाना हुए | वे साउथ इंडियन वेषभूषा में घूमने लगे | रातीबड़ थाने से राजेश के दोस्त निहाल खान से कॉल करवाया | निहाल ने राजेश से कहा भटक रहे हो, मेरे दोस्त के घर चले जाओ | जब तक मेरा दोस्त खुद तुम्हारे पास न आ जाए, फोन बंद मत करना | कुछ देर बाद साउथ इंडियन वेषभूषा में एएसआई कर्मवीर ड्राइवर बनकर चेन्नई सेंट्रल पहुंचे यहां पहुंचकर राजेश को कॉल किया कि आपके लिए गाड़ी बुक हुई है जैसे ही वह आया, चेन्नई क्राइम ब्रांच की टीम की मदद से उसे पकड़ लिया गया | अपर सत्र न्यायाधीश विनय कुमार भारद्वाज ने गुरुवार को राजेश परमार को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई |
|