भोपाल : 30/10/2023 :( नुजहत सुल्तान ) राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है | मरीजों की संख्या 569 तक पहुंच गई है | डेंगू के मरीजों की संख्या को देखते हुए नगर-निगम द्वारा 22 लाख की आबादी वाले शहर में फॉगिंग की सिर्फ 12 मशीनें ही चलाई जा रही हैं | उनमें भी दो मशीनें खराब हैं | 9 मशीनों को फायर ब्रिगेड की टीम संचालित करती है | जबकि तीन मशीनें उन ज़ोन में एएचओ को दी गई हैं, जहां 74 बंगला, रचना नगर और चार इमली जैसे वीआईपी इलाक़े आते हैं | लेकिन डेंगू के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है, डेंगू पर रोक लगाने के लिए भोपाल के सभी 85 वार्डों में रोजाना एक एक मशीन द्वारा फॉगिंग करना होगी | नियमानुसार फॉगिंग शाम ढलने और रात होने के बीच की जानी चाहिए, क्योंकि यही समय मच्छरों के मूवमेंट का होता है | इससे पहले और बाद में की गई फॉगिंग से कोई फायदा नहीं है | निगम उन इलाकों में दिन में भी फॉगिंग कर रहा है जहां हाल ही में डेंगू-चिकनगुनिया का केस मिला है | नगर-निगम डेंगू में फॉगिंग के लिए दो तरह की दवाओं का उपयोग करता है | पहली साईथियन जिसका उपयोग खुले में फॉगिंग के लिए किया जाता है | दूसरी टेमोफास जो डेंगू लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़की जाती है | दोनों दवाओं पर हर महीने करीब 2 लाख 81 हज़ार रु. खर्च होता है |
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