नई दिल्ली : 02/11/2023 : बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम चयनात्मक गोपनियता देती है | कोर्ट बॉन्ड की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने कहा, बॉन्ड से मिला सियासी चंदा गुप्त कैसे ? बॉन्ड खरीदने वाले और बॉन्ड पाने वाले का पूरा ब्यौरा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पास होता है | इस ब्यौरा को जांच एजेंसियां (सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी हासिल कर सकती हैं | सीजेआई ने कहा कि, अस्पष्टता होने से बॉन्ड स्कीम सभी पार्टियों को बराबरी का मौका नहीं देती | सत्तारूढ़ पार्टी को तो दानदाताओं का ब्योरा नहीं मिल सकता | स्कीम का उद्देश्य अच्छा हो सकता है, लेकिन सियासी चंदे में सफ़ेद धन को लाने की इस प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है | सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी | सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने चुनाव आयोग से पूछा कि मोटे तौर पर आम चुनाव और विधानसभाओं के चुनाव कराने पर कितना ख़र्च आता हैं | आयोग ये भी बताए कि पार्टियों को बॉन्ड से कितनी रकम मिली और कितनी ख़र्च हुई | ये जानना इसलिए जरूरी है कि सुनवाई में आगे भी बॉन्ड में अस्पष्टता का सवाल आएगा |
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