भोपाल : 03/11/2023 :( नुजहत सुल्तान ) देश की रक्षा करने वाले जवान अपनी ही जान ले रहे हैं उनमें तनाव इतना अधिक बढ़ रहा है कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं | भोपाल में 4 सितंबर को सीआरपीएफ के सिपाही मोगली सुधाकर ने ट्रेनिंग के दौरान आत्महत्या कर ली थी | आत्महत्या के कारणों का पता अभी तक नहीं लग पाया है | सुधाकर पहले सिपाही नहीं हैं जिन्होने अपनी जान दी, बल्कि इससे पहले भी अगस्त और सितंबर के 23 दिनों में इस बल के 10 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी | ये जवान अलग-अलग देशों के थे | सीआरपीएफ के जवानों में आत्महत्या का मुद्दा काफी चिंताजनक बना हुआ है | 4 सालों में सीआरपीएफ के जवानों के आत्महत्या के 194 मामले उजागर हुए हैं | इस मामले में जब तहक़ीक़ात की गई तो कुछ जवानों ने बताया कि अफसर हमें छोटी सी गलती की बड़ी सज़ा देते हैं जिसके कारण तनाव बढ़ता है और जवानों में आत्महत्या की भावना पैदा होती हैं | जब यहाँ जवानों से बातचीत की गई तो सीआरपीएफ के कांस्टेबल संजय मोरे ने बताया कि मैं बंगरसिया ग्रुप केंद्र में ड्यूटी करता हूं, वेटलिफ्टर हूं और जिम ट्रेनर भी अधिक वजन उठाने से रीढ़ की हड्डी में प्रॉबलम होने लगी और दर्द बढ़ने लगा | एम्स में इलाज कराया तो डॉक्टरों ने बेड रेस्ट की सलाह दी | अफसरों से जब छुट्टी मांगी तो मना कर दिया गया मेरे घर वाले आए और आईजी से बात करके मुझे घर ले गए | इसके बाद मुझे इलाज के नाम पर सीआरपीएफ केंद्र बुलाया गया | मैं 5 सितंबर को जब वहाँ पहुंचा तो गेट पर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और मेरा 3 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया | इस तरह और भी जवानों ने आप बीती सुनाई और अफसरों पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए उन्हें सीआरपीएफ के जवानों की अत्महत्या का कारण बताया |
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