भोपाल : 07/11/2023 :( सैफुद्दीन सैफी) देशभर में पहली बार सिख समाज के ग्रंथियों ने घर-घर जाकर सिख परिवारों को आपस में जोड़ने और उनका पूरा डेटा तैयार करने की पहल कर दी है | नानकसर गुरुद्वारा कमेटी ने सिख समाज के परिवारों को सिख मर्यादा और नियमों का पालन करने का संकल्प भी कराया | इस मुहिम को नाम दिया गया है ‘साडा विरसा, साडा परिवार, यानि हमारी संस्कृति हमारा परिवार | इस मुहिम के तहत पंच प्यारों के रूप में पांच ग्रंथी ज्ञानी हैं | जो हर रविवार को सिख समाज के घरों में जाकर केश, पगड़ी, कड़ा और कृपाण का महत्व बता रहे हैं | जिनके घरों में गुरुग्रंथ साहिब नहीं है, उन्हें वे उसी समय दे रहे हैं | वे पूछ रहे हैं कि, परिवार में कितने लोगों को गुरमुखी आती है या नहीं, किताब भी सीखने के लिए दे रहे हैं | कृपाण नहीं है घर में तो वे उसे भी उपलब्ध कराएंगे | यह बात भी समझाई जा रही है कि लोग गुरमुखी नहीं जानते उनके लिए नि:शुल्क कक्षाएं भी लगाई जाएंगी | यह मुहिम बैरागढ़ से प्रारंभ की गई है, ये पांच ग्रंथी दस परिवारों में अब तक पहुँचकर उनसे ये सवाल पूछ चुके हैं | परिवार में कितने लोग पगड़ी पहनते हैं ? कितने लोग कड़ा पहनते हैं ? रोज गुरवाणी का घर में कीर्तन होता है, या नहीं ? घर में गुरुग्रंथ साहिब हैं या नहीं, कृपाण है या नहीं ? कितने को गुरमुखी भाषा नहीं आती है ? सिख परिवारों को जानकारी दी जा रही है, कि नितनेम पाठ की कौन-कौन सी वाणी है, शाम की कौन सी वाणी है एवं रात में कौन सी वाणी पढ़कर सिख को सोना चाहिए | बच्चों को गुरुद्वारा साहिब में रोज लेकर जाएं |
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