भोपाल : 28/11/2023 :( नुजहत सुल्तान ) बेखौफ पत्रकार और जनता के चहीते सबके मन को लुभाने वाले एक ज़िंदादिल इंसान राजकुमार केसवानी की 73वीं जन्मतिथि पर आयोजित कार्यक्रम “आपस की बात” में उनके बरसो पुराने दोस्तों ने उनके साथ बिताए हुए लम्हे साझा किए | उनके चाहने वालो में राजकुमार केसवानी के प्रति लगाव ऐसा कि उनके बचपन के दोस्त से लेकर 90 साल के बुजुर्गों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की | कार्यक्रम में विजय दत्त श्रीधर ने स्वागत उब्दोधन भी दिया | लेखक और निर्देशक रूमी जाफरी ने बताया कि राजकुमार जी हर क्षेत्र में दखल रखते थे | मैंने उनको बरसों पढ़ा, वे कई भाषाओं के जानकार थे, जहां मुगल-ए-आजम को एक अद्भुत फिल्म माना जाता है, वहीं इस फिल्म की सम्पूर्ण मीमांसा करते हुए राजकुमार जी ने मुगल-ए-आजम पुस्तक लिखी, जो साहित्य और सिनेमा की अनोखी कृति है | केसवानी जी की इस किताब के लिए बॉलीवुड भी उनका आभारी है | गीतकार इरशाद कामिल ने भी उनके साथ गुजारे हुए लम्हों को याद करते हुए बताया कि दिल्ली के एक कार्यक्रम में जब केसवानी साहब मिले तो चाय पीते पीते हमारी दोस्ती हो गई | तब मैं कॉलेज से निकलकर नज़्में और कविताएं लिखते हुए अपना स्थान बनाना चाह रहा था | मुझे उन्होने कहा कि इरशाद अपनी नज़्म मुझे भेजें, मैं छापता हूं | बाद में मेरी किताब ‘एक महीना नज़मों का ’ छपी तो भोपाल और इंदौर में भी इससे जुड़े कार्यक्रम हुए | वो मेरे लिए यादगार लम्हों में से एक है, जिसे मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता | इधर साहित्य अकादमी पुरस्कृत कवि राजेश जोशी ने कहा कि राजकुमार बचपन में हिंद पॉकेट बुक्स की किताबें पढ़ते थे | उन्हें यह सब किताबें इकट्ठी करने का शौक भी था | कार्यक्रम में दिल्ली की पत्रकारिता शिक्षिका मीडियाकर्मी और जेल सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली डॉ. वर्तिका नंदा को पहला राजकुमार केसवानी पुरस्कार से नवाजा गया |
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