जबलपुर : 28/11/2023 : कोषालय के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर जीवित और मृत कर्मचारियों की राशि को अपने नाम पर ट्रांसफर करने वाले मास्टर माइंड का नाम खुलकर सामने आ गया है | बालाघाट जिले के विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने एक नहीं बल्कि 130 बार ट्रांजेक्शन किया, गबन की गई राशि अपने भाई, बहन और दोस्तों के खातों में डाली, आरोपी ने दूसरे दो से तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की आईडी पासवर्ड का उपयोग किया | इन अधिकारियों ने भरोसा करके दुर्गेश को अपने नाम की आईडी दी थी | आरोपी विकासखंड कार्यालय में एकाउंटेंट का कार्य भी करता था | आरोपी ने भाई अंबेश वामनकर के खाते में 52 लाख भेजे | फर्जी बिल लगाकर राशि निकालता मृत कर्मचारियों की जीपीएफ या अन्य भुगतान के बिलों में हेराफेरी कर राशि अपने खाते में कर लेता था | यहां तक की सरकारी बिजली कंपनियों के सामग्री खरीदी भुगतान के बिल में अपने नाम के बैंक खाते को दर्ज कर लेता था | आरोपी एक्सल शीट में जाकर सिर्फ बैंक खाता नंबर बदलता और जैसे ही कोषालय से राशि ट्रांसफर होती तब वह सीधे दुर्गेश वामनकर के खाते में चली जाती | 21 रिटायर कर्मचारियों के फर्जी क्लेम तैयार किए पकड़े जाने के डर से कैश बुक और बिल ही तैयार नहीं करता था | जो कर्मचारी काम नहीं करते थे, उनके नाम पर बिल भुगतान करा लिया | एरियर की राशि मृत कर्मचारियों की पत्नी के खाते की जगह अपना खाता नंबर डालकर राशि निकालता रहा | इस पूरे खेल में लेखापाल खड़ग सिंह, अनीता दुबे के नाम सामने आए हैं | वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों में राजेंद्र लटारे, खेम सिंह, नरेश प्रसाद की आईडी पासवर्ड का उपयोग किया गया | जबलपुर संभाग के तीन जिलों में एक साल के अंदर चौथे मामले का खुलासा हुआ है, इस मामले को लेकर अब तक एफआईआर क्यों नहीं हुई इस बात का जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है |
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