भोपाल : 01/12/2023 :( नुजहत सुल्तान ) शहर में ग्रीन बेल्ट हो या अन्य इलाक़े नगर-निगम की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई सालभर जारी रहती है, इसके बाद भी कब्जे अतिक्रमण की समस्या पहले की तरह ही है | आसाराम तिराहे पर जहां खानपान की दुकानें हैं, वहीं आगे बढ़ने पर यहीं फल-सब्जियों सहित कई अन्य तरह की दुकानें सड़क किनारे लगी हुई हैं | यहां से आगे जेल के ठीक सामने भी 5 से अधिक दुकाने लग रही हैं, इसके बाद करोंद तक 10 से अधिक कब्जे हैं | पीपुल्स मॉल और भानपुर ब्रिज तक भी 50 से अधिक दुकानें चल रही हैं | यहां से आगे बढ़ने पर सागर कॉलेज के पास तो सबसे अधिक दुकानें ग्रीन बेल्ट के अंदर ही मौजूद हैं | अयोध्या नगर चौराहे से रत्नगिरी चौराहे के बीच दोनों ओर बड़ी संख्या में स्थायी रूप से कब्जे नज़र आ रहे हैं | 28 नवंबर तक ग्रीन बेल्ट से 100 कब्जे हटाए जा चुके थे, लेकिन जिन स्थानों से कब्जे हटाए गए थे, वहां दोबारा कब्जे हो गए हैं | प्रशासन और नगर-निगम की कार्रवाई के बाद भी दोबारा कब्जे होने की बात पर जिला प्रशासन के अफसरों के पास कोई जवाब नहीं था | अब सवाल यह उठता है कि जब कब्जे हटने ही नहीं हैं तो प्रशासन दिखावे की कार्रवाई क्यों करता है ? साफ तौर पर पता चलता है कि ग्रीन बेल्ट में चल रही कार्रवाई एनजीटी के आदेश का पालन करने के उद्देश्य से सिर्फ खानापूर्ती के लिए ही की जा रही है | सालभर कार्रवाई चलने के बाद और तीन-तीन एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई के बाद भी कब्जे दोबारा होने के पीछे का कारण कार्रवाई के बाद ज़ोन स्तर पर निगरानी करने वाले अतिक्रमण प्रभारियों की मिलीभगत का अंदाजा लगाया जा रहा है, अब इस मामले की पूरी पड़ताल होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी |
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