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अधिक उत्पादन के चक्कर में किसानों ने फसल में तीन गुना अधिक खाद डाली, अब डीपीए खाद के लिए लगानी पड़ रहीं लंबी कतारे फिर भी नहीं मिल रहा खाद |

मुरैना : 02/12/2023 : प्रदेश में कई जगह किसानों ने खाद का अधिक उपयोग किया जिस कारण अब उन्हें ही डीपीए खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है | किसानों ने यह परेशानी अपने लिए खुद खड़ी की है, दरअसल, गेहूं, सरसों, चना और मटर की फसल में जरूरत से तीन गुना अधिक खाद डाली गई है | किसानों का मानना है कि अधिक खाद डालने से फसल अच्छी होती है, जबकि यह बिल्कुल गलत है | अधिक खाद डालने से उत्पादन तो नहीं बढ़ता बल्कि कई प्रकार के नुकसान ज़रूर होते हैं | अधिक खाद डालने पर मिट्टी खराब होने की आशंका रहती है, यदि लगातार अधिक खाद डाली जाए तो जमीन बंजर होने लगती है | फसल पानी अधिक मांगती है, यदि समय पर पानी नहीं दिया जाए तो फसल खराब होने की संभावना बढ़ जाती है  | किसानों को इस संबंध में समझाइश भी दी जा रही है, लेकिन कई जगह किसान इस बात को नहीं समझ रहे हैं | अब प्रदेश में डीएपी खाद की किल्लत हो गई है, रबी फसल की बोवनी के लिए ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य में डीएपी को लेकर मारामारी है | किसानों को दो बोरी खाद के लिए तीन से पाँच दिन तक इंतज़ार करना पड़ रहा है | किसानो की लंबी लंबी कतारे लग रही हैं फिर भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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