भोपाल : 04/12/2023 :( नुजहत सुल्तान ) मप्र में हमेशा से ही सत्ता की कमान आदिवासियों के हाथों में ही रही है, आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 24 पर जीतने में भाजपा ने कामयाबी हासिल की है | वहीं आदिवासियों के प्रभाव वाली गैर आरक्षित 29 सीटों में से भाजपा ने 20 पर जीत दर्ज कर ली है | कांग्रेस को सिर्फ 22 सीटें ही मिल पाई हैं | निमाड़ में भील भिलाला और बारेला का साथ कांग्रेस के साथ कायम रहा है | कांग्रेस ने यहाँ की 19 में से 12 सीटें जीत ली हैं | भाजपा को 7 सीटें ही मिली हैं, लेकिन कोल गोंड और कोरकू प्रभाव वाले विंध्य महाकौशल, नर्मदापुरम और मालवा में भाजपा को बढ़त मिली है | आदिवासी मतदाताओं का असर देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रदेश में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत आदिवासी इलाकों से ही की थी | भाजपा ने रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर प्रदेशभर में आदिवासी गौरव यात्रा निकाली थी, जवाब में कांग्रेस ने भी वनाधिकार यात्रा निकाली थी | आदिवासियों की राजनीति करने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का बसपा से गठबंधन बेअसर रहा | भाजपा ने शुरू से ही आदिवासियों पर अधिक फोकस रखा उन्होने आदिवासी नायकों को सम्मान देने का ऐलान किया था, इसकी शुरुआत भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखकर की गई थी | इसके अलावा भी आदिवासियों के लिए कई प्रकार की योजनाएं निकाली उन्होने राशन आपके द्वार योजना भी शुरू करवाई थी |
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