भोपाल : 08/12/2023 : राजधानी की सड़कों चौराहों पर नज़र रखने के लिए शहरभर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, भोपाल में अलग-अलग योजनाओं के तहत कुल 1463 कैमरे लगाए गए लेकिन उनमें से 388 खराब पड़े हैं | इनके खराब होने का मुख्य कारण इनका मेंटेनेंस न होना बताया जा रहा है | आज से करीब 10 साल पहले चौराहों पर कैमरे लगाने की शुरुआत पीएचक्यू की इंटेलिजेंस शाखा ने की थी, सवा दो करोड़ रु. खर्च करके 275 कैमरों को लगाया गया था, लेकिन ये भी खराब पड़े हैं | इन आउटडेटेड कैमरों का नाइट विजन भी खराब है, अधिकतर कैमरे तो पिछले तीन सालों से ही बंद हैं | दरअसल, कैमरे लगाने का मकसद होता है कि सड़कों से गुजरने वाले वाहनों पर नज़र रखी जा सके और चालानी कार्रवाई किस कारण हो रही है ये देखा जा सके उसके साथ ही संपत्ति संबंधी अपराधों में बदमाशों का रूट ट्रैक करने में मदद मिलती है, और रैली या हिंसा के दौरान भीड़ नियंत्रण करने में भी इनसे मदद मिलती है | लेकिन इन कैमरों का लंबे समय से बंद होने के कारण पिछले दिनों शिवाजी नगर चौराहे पर बने कल्वर्ट (ब्रेकर) से हुआ हादसा किन हालात में हुआ ये देखना भोपाल पुलिस के लिए मुमकिन नहीं हैं | यही हालात अतिसुरक्षित इलाकों में शुमार सड़कों के भी हैं, इनमें विधानसभा रोड, राजभवन और वीआईपी वन के ट्रैक यानी पॉलीटेक्निक चौराहा, कमला पार्क, वीआईपी रोड, लालघाटी और एयरपोर्ट रोड पर लगे कैमरे शामिल हैं | इन्हीं बंद कैमरों के बीच हाल में विधानसभा चुनाव, उसकी मतगणना और वीआईपी के दौरे भी हो गए | भोपाल प्रदेश का पहला शहर है जहां भोपाल आई प्रोजेक्ट के तहत निजी मकान – दुकानों में लगे कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं | इन कैमरों की फीड पुलिस भी अपने कंट्रोल रूम में बैठकर देख सकती है, भोपाल में अब तक छह हज़ार से अधिक निजी कैमरे भोपाल-आई के तहत रजिस्टर्ड हो चुके हैं |
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