भोपाल : 08/12/2023 : जेपी अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, जेपी अस्पताल के दवा काउंटर पर मरीजों को जो दवाएं वितरित की गई हैं, वो दरअसल ओडिशा गवर्नमेंट के लिए बनाई गई थी | प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए दवाइयों की सप्लाई एमपीपीएचएससीएल के ज़रिए की जाती है, इसके लिए एमपीपीएचएससीएल ने दवा कंपनियों से रेट कांट्रेक्ट कर रखे हैं | जेपी ने ट्रेनेक्सामिक एसिड टेबलेट आईपी 500 एमजी की 30 हज़ार गोलियां यानी 3000 स्ट्रिप का ऑर्डर 9 अगस्त 2022 को दिया था | इसके लिए जेपी के ड्रग स्टोर से 25 नवंबर को मटेरियल रिसिप्ट सर्टिफिकेट जारी किया गया | जेपी के ड्रग स्टोर से 7 अक्टूबर को 5000 गोलियां दी गई थीं, इनमें से 4100 टेबलेट दवा पर उपलब्ध हैं | सोमवार तक जेपी के ड्रग स्टोर में 1100 टेबलेट होने की जानकारी पोर्टल पर थी | लेकिन अब ड्रग स्टोर में एक भी टैबलेट नहीं है | ऐसे में मरीजों को लगभग 26 हज़ार टैबलेट बांटी जा चुकी हैं | पिछले हफ्ते एक मरीज ने इस पर आपत्ति ली तब इस लापरवाही का खुलासा हुआ | इसके बाद ओपीडी प्रभारी डॉ. प्रमेन्द्र शर्मा ने दवाओं के वितरण पर रोक लगाई और सिविल सर्जन को लिखित में इसकी सूचना दी | लेकिन सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव से इस बारे में बात की गई तो उन्होने कहा मुझे इस मामले में कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है | अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं स्टाफ से बात करूंगा | जेपी अस्पताल प्रबंधन की यह लापरवाही मरीजों के लिए मुसीबत बन सकती है | अगर किसी मरीज को इन टैबलेट से कोई परेशानी हुई और वो कंपनी को क्लैम करना चाहे तो नहीं कर पाएंगे | क्योंकि, कंपनी ने रिकॉर्ड में यह टैबलेट सप्लाई ही नहीं की है |
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