लखनऊ : 15/12/2023 : लखनऊ की रहने वाली 31 वर्षीय महिला सिविल जज ने भरी अदालत में अपने साथ एक जज और उसके सहयोगियों द्वारा शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए सीजेआई को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है | पीड़ित महिला जज ने पत्र में अपने ऊपर हुए अन्याय के बारे में बताते हुए कहा कि मैं बहुत दुख और पीड़ा के साथ ये पत्र लिख रही हूं, मुझे भरी अदालत में गालियां दी गईं, मेरा शारीरिक शोषण हुआ मुझसे ये उम्मीद की जाती है कि मैं दूसरों को न्याय दूँगी, जो खुद अन्याय का शिकार हुई हूं | मैं जहां काम करती हूं वहाँ सुरक्षा सिर्फ एक दिखावा है, वहाँ न कोई सुनने वाला है और न कोई समझने वाला इसमें शीर्ष अदालत भी शामिल है | एक जज और उसके सहयोगियों ने मुझसे कहा कि मैं रात में उनसे मिलने आऊं इस संबंध में मैंने हाईकोर्ट में शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई | किसी ने ये तक नहीं पूछा कि आप इतनी परेशान क्यों हैं, क्या हुआ है ? उसके बाद मैंने हाईकोर्ट की इंटरनल कमेटी में शिकायत की, 6 महीने में हजारों ई-मेल भेजने के बाद भी जांच तक शुरू नहीं की गई, इस जांच में जिन्हें गवाह बनाया जा रहा था, वह भी उसी जज के अधीन हैं, ऐसे में निष्पक्ष जांच संभव नहीं | जांच चलने तक मैंने जज के ट्रांसफर की गुहार लगाई लेकिन मेरी अपील महज 8 सेकंड में ही खारिज कर दी गई | मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी जिंदगी, मेरे सम्मान और मेरे ह्रदय को डिसमिस कर दिया गया हो | अब उन्हीं गवाहों के बयानों से जांच होगी जो उस जज के अधीन हैं ऐसे में इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है | जब मैं खुद सारी उम्मीदें हार चुकी हूं तो दूसरों को क्या न्याय दूंगी मैं और जीना नहीं चाहती मेरी जिंदगी का कोई मक़सद नहीं बचा | आखिर में पीड़ित जज ने लिखा कि मैं आपसे विनती करती हूं कि मुझे सम्मानजनक तरीके से जीवन समाप्त करने की इजाजत दी जाए |
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