भोपाल : 15/12/2023 : एक ही जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दिखाकर बेचे जाने जैसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रदेश के 55 जिलों में 1 जनवरी से साइबर तहसील सक्रिय हो जाएंगी | नए सीएम डॉ. मोहन यादव की पहली कैबिनेट बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है | अभी सिर्फ प्रदेश के 12 जिलों में साइबर तहसील की परियोजना पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रही है | इन जिलों में करीब 18 हज़ार प्रकरणों का निराकरण ऑनलाइन ही किया गया | इस ऑनलाइन प्रक्रिया में 100 प्रतिशत नामांतरण हो जाता है | और संबंधित व्यक्ति के ईमेल और व्हाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से अंतिम आदेश की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करा दी जाती हैं | यह योजना 1 जून 2022 को प्रदेश के दो जिलों में पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी | अब रजिस्ट्री के बाद लोगों को तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे | ऑटोमेशन के ज़रिए ये नामांतरण रजिस्ट्री होने के 15 दिन बाद खुद ही हो जाएगा | साइबर तहसील परियोजना लागू होने के बाद जैसे ही ज़मीनों की रजिस्ट्री होगी राजस्व रिकॉर्ड में रजिस्ट्री करवाने वाले का नाम भी दर्ज हो जाएगा | इससे एक ही जमीन को बार बार बेचे जाने जैसी घटनाएं कम होंगी | कृषि भूमि की रजिस्ट्री के बाद अब नामांतरण के लिए अलग से ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है, रजिस्ट्री के समय ही ऑनलाइन आवेदन हो जाएगा | और नामांतरण शुल्क जमा करना होगा | रजिस्ट्री होते ही विक्रय पत्र नामांतरण क्रमांक राजस्व के पोर्टल पर दिखाई देगा जिससे जमीन बेचते समय होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में आसानी होगी |
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