भोपाल : 21/12/2023 : देशभर में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर सामने आ रहा है, भोपाल सहित कई शहरों में कोरोना संदिग्ध मरीज पाए गए हैं | भोपाल में एक कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है, और सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं | इसके लिए सभी अस्पतालों में कोरोना की जांच कराने के लिए फीवर क्लीनिक खोलने के निर्देश मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने दिए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के दिए गए निर्देशों का पालन जेपी अस्पताल को छोड़कर किसी दूसरे अस्पतालों में नहीं किया गया | कोरोना की जांच के लिए शहर में दो दर्जन फीवर क्लीनिक के ताले बुधवार को नहीं खुले इनमें हमीदिया और खुशीलाल आयुर्विज्ञान भी शामिल है | भोपाल एयरपोर्ट पर भी अभी आरटीपीसीआर जांच बंद है | जबकि यहाँ से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और प्रयागराज व अहमदाबाद के लिए उड़ानें हैं | जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र में कोरोना के सब वेरिएंट मिल चुके हैं, रेलवे स्टेशनों पर भी स्क्रीनिंग के कोई इंतेजाम नहीं हैं | दूसरी तरफ शहर में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर किट है, लेकिन नई किट नहीं भेजी गई है | गौरतलब है कि जबलपुर में नार्वे से आई 69 साल की एक महिला कोरोना पॉज़िटिव पाई गई है | शहर में 40 ऑक्सीज़न प्लांट हैं, लेकिन समय पर मेंटेनेंस न होने के कारण दो प्लांट पूरी तरह से बंद पड़े हैं | वहीं 21 प्लांट कभी-कभार चलाए जाते हैं | जेपी अस्पताल के 5 प्लांट में से एक ही चल रहा है | कोरोना की दूसरी लहर में केंद्र सरकार के साथ कई संस्थानों ने हमीदिया और जेपी अस्पताल को वेंटिलेटर और ऑक्सीज़न कंसनट्रेटर दिए थे | जेपी में किसी को पता नहीं कि वह कंसनट्रेटर कहां हैं, इसी तरह हमीदिया में भी वेंटिलेटर को स्टोर में रखा हुआ है | इधर, हमीदिया के प्रबंधन का कहना है कि फ़िल्हाल दस-दस ऑक्सीज़न बेड आरक्षित कर दिए गए हैं | जैसे-जैसे भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ेगी वैसे ही बेड की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी | हालांकि अभी सरकारी अस्पताल में एक भी मरीज नहीं है |
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