भोपाल : 29/12/2023 : जबलपुर और ग्वालियर दोनों ही शहर मेट्रो पोलिटन सिटी यानि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शामिल हैं | इन शहरों की पुलिस के पास मजिस्ट्रियल पावर नहीं है, लेकिन अब भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भोपाल-इंदौर के बाद अब इन दोनों शहरों को भी मजिस्ट्रेट पावर देने का निर्णय कर लिया है | जबलपुर और ग्वालियर शहर में दो साल के अंदर-अंदर कमिश्नर प्रणाली लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है | कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस को लाठीचार्ज और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतज़ार नहीं करना होगा | सरकार का रुख देखते हुए पुलिस मुख्यालय की प्लानिंग शाखा और सीआईडी शाखा ने तैयारियां शुरू भी कर दी हैं | कानूनी पहलू का काम सीआईडी शाखा को सौंपा गया है, और क्षेत्राधिकार तय करने की ज़िम्मेदारी प्लानिंग शाखा को दी गई है | दोनों शाखाएँ अपने-अपने स्तर पर विश्लेषण करेंगी | इसके बाद एक आवेदन गृह विभाग को भेजा जाएगा जहां से ये आवेदन मुख्यमंत्री समन्वय में जाएगा | और यहाँ से प्रणाली लागू करने के आदेश होंगे | गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि जबलपुर-ग्वालियर में आईजी स्तर के पुलिस कमिश्नर बनाए जा सकते हैं | क्षेत्राधिकार तय करने का काम ही काफी लंबा है | क्योंकि इस दौरान ये तय करना होगा कि कितने थाने शहरी और कितने ग्रामीण क्षेत्र में आएंगे | शहरी क्षेत्र में आने वाले थानों को ही कमिश्नर सिस्टम में शामिल किया जाता है, कुछ ऐसे भी सब डिवीजन होंगे, जिनके एसीपी पहले सीएसपी के अंडर में ग्रामीण और शहरी दोनों थाने आते होंगे |
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