भोपाल : पाँच साल गुज़र जाने के बाद भी राजधानी में किसान अपनी ही जमीन के लिए राजस्व कोर्ट के चक्कर काटने पर मजबूर हैं, पाँच साल के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है | ऐसा इसलिए क्योंकि एडीएम साउथ में 3 महीने से कोई सुनवाई ही नहीं हुई है किसानों को न्याय का इंतज़ार बेसब्री से है, लेकिन कोर्ट में मामला लंबित है | बैरसिया के करोंदिया में रहने वाले किसान बिंदू लोधी ने बताया कि उन्होने करीब 8 साल पहले करोंदिया में जमीन खरीदी थी, राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण भी हो गया, लेकिन पांच साल पहले अचानक जमीन का रिकॉर्ड वापस उसी किसान के नाम हो गया जिस किसान से हमने जमीन खरीदी थी | इसका रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए सभी वैध दस्तावेजों के साथ तहसीलदार, एसडीएम कोर्ट में मामला चला, लेकिन तीन महीने से तो कोई सुनवाई ही नहीं हुई है, और मामला कोर्ट में अटका हुआ है | ऐसे में न्याय कब मिलेगा ये सवाल सिर्फ बिंदु लोधी का ही नहीं बल्कि भोपाल के ऐसे 4000 से अधिक मामले हैं, जिनमें किसान राजस्व कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं | अधिकारियों की दफ्तर में अनुपस्थिति के कारण इन मामलों में सुनवाई लगातार पिछड़ती जा रही है, किसानों को न्याय का इंतज़ार है |
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