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नगर-निगम द्वारा गीले कचरे की प्रोसेसिंग के लिए बनाया जाने वाला बायोसीएनजी प्लांट 3 साल बाद भी अधूरा, निगम को दो सालों में 13 करोड़ का नुकसान |

भोपाल : 06/01/2024 : शहर से निकलने वाले गीले कचरे की प्रोसेसिंग के लिए नगर-निगम द्वारा बनाए जाने वाला बायोसीएनजी प्लांट की नींव तीन साल पहले रखी गई थी, पहले चरण में 200 टन प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट प्रस्तावित था, लेकिन एक साल बाद इसकी क्षमता बढाकर 400 टन प्रतिदिन कर दी गई | निगम द्वारा दावा किया था कि यह प्लांट डेढ़ साल बाद बनकर तैयार हो जाएगा और काम शुरू कर देगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ निगम के सारे वादे झूठे साबित हुए तीन साल बाद भी यह बायोसीएनजी प्लांट अधूरा ही है | प्लांट के निर्माण कार्य में लगी आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दावा किया गया है कि मई 2024 से यह प्लांट काम करना शुरू कर देगा | लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस साल अगस्त के बाद ही प्लांट शुरू हो पाएगा | इस प्लांट के शुरू न होने से निगम को दो सालों में लगभग 13 करोड़ रु. का नुकसान हुआ है |  शहर के वातावरण में लगभग दो लाख टन से ज़्यादा का कार्बन उत्सर्जन भी हुआ, वहीं इंदौर के देव गुराड़िया स्थित टीचिंग ग्राउंड में 550 टन क्षमता का बायोसीएनजी प्लांट लगभग डेढ़ साल की अवधि में ही बनकर तैयार हो गया और काम भी शुरू कर दिया | इससे इंदौर नगर-निगम की सिटी बसें सहित अन्य वाहन चलाए जा रहे हैं | और बाकी की गैस कंपनी द्वारा सीएनजी प्लांट से व्यवसायिक उपयोग के लिए बेची भी जा रही है | बता दें कि प्लांट का निर्माण कर रही कंपनी को अगले 20 साल तक इसका मेंटेनेंस करना है | इस दौरान यहां तैयार हुई, बायोसीएनजी बाजार से 5 रु. कम भाव में नगर-निगम को बेची जाएगी | इसके अलावा नगर-निगम को रायल्टी और बचत से सालाना 6.52 करोड़ रु. की आय भी होगी | स्वच्छता रैकिंग में भी भोपाल, इंदौर के करीब आ जाएगा | खस्ताहाल नगर-निगम को नुकसान से बचाने के लिए पूर्व नगर-निगम आयुक्त केवीएस चौधरी ने इस सीएनजी प्लांट को शुरू कराने की पहल की थी, निगम ने इसका निर्माण पीपीपी मोड पर किया यानि निर्माण पर खर्च होने वाले 120 करोड़ रु. निजी भागीदारी से खर्च किए गए | इस दौरान शहर से इकट्ठा हुए गीले कचरे का उपयोग कर कंपनी बायोसीएनजी का निर्माण करेगी | कंपनी यह सीएनजी अपने पंप के माध्यम से बाजार में बेचेगी और नगर-निगम को भी वाहनों के लिए बाजार भाव से पांच रु. कम दाम में सीएनजी बेचेगी | निगम को कचरे के निष्पादन पर खर्च होने वाली राशि से मुक्ति तो मिलेगी | हर साल रायल्टी भी मिलेगी, इसके अलावा वाहन खत्म होंगे जिससे वातावरण में जाने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाय ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन वातावरण में कम उत्सर्जित होंगे |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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