भोपाल : 12/01/2024 : 2009 में पुलिस ने बीएसएनएल के 9 हज़ार से अधिक सिमकार्ड जिलों में पदस्थ अफसरों एसआई तक को दिए | इसके बाद 2014 से करीब हर पुलिसकर्मी को एक-एक सीयूजी सिमकार्ड दिया गया मकसद था थाना स्टॉफ भले बदलता रहे, पर उस, पद के अधिकारी – कर्मचारी का नंबर नहीं बदलना चाहिए | साइबर अपराधी लाखों की ठगी और हैंकिंग के लिए 5 जी का उपयोग कर कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पकड़ने और अपने मातहतों तक सूचना पहुंचाने के लिए पुलिस के 80 हज़ार जवान सीयूजी सिमकार्ड में 2 जी और 3 जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं यही नहीं 4 जिलों उज्जैन, विदिशा, आलीराजपुर और श्योपुर की कुछ चौकियों में बीएसएनएल का नेटवर्क नहीं मिलता | अभी 79 रु. प्रति माह हर सिमकार्ड के हिसाब से दर तय है इसके बदले में हर महीने पुलिस की दूरसंचार शाखा बीएसएनएल को 58 लाख रु. अदा करती है | लेकिन समस्या यह है कि बीएस एन एल इसमें 2जी-3जी नेटवर्क ही देता है | नियामानुसार सीयूजी सिम कार्ड वाले फोन को संबंधित पुलिसकर्मी बंद नहीं कर सकता | सभी सरकारी दस्तावेज़ उन्हें इस नंबर से आगे बढ़ाना है |
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