भोपाल : 12/01/2024 : माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यसमिति की बैठक में पेपर लीक करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए कानून में बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया गया था | जिसके तहत आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे 10 साल की सज़ा, 10 लाख रु. के जुर्माने सहित 6 महीने तक जमानत नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया था | कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय आगामी परीक्षाओं से पहले इसे अमल में लाने के लिए बोर्ड की ओर से सितंबर में ही इसे शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है | लेकिन तीन महीने बाद भी इसका राजपत्र में प्रकाशन तो छोड़िए शासन से स्वीकृति तक नहीं मिल सकी है | ऐसे में यदि इस साल भी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पेपर की गोपनियता भंग हुई तो ऐसा करने वालों पर बोर्ड की तरफ से न तो त्वरित कार्रवाई हो सकेगी, और न ही उन पर कोई सख्त एक्शन लिया जा सकेगा | यानि इस साल भी प्रदेशभर में बोर्ड परीक्षाएं देने वाले 20 लाख से अधिक बच्चों के भविष्य के साथ विभागीय अफसर खिलवाड़ करेंगे | इसके साथ ही पूर्व में आरटीओ द्वारा विभागीय आदेश पर जिन बसों के परमिट जारी कर दिए गए थे, उन पर अब टैक्स निकाल दिया गया | जिसके चलते अब बसों का संचालन ही अधर में नज़र आ रहा है | अफसरों से बातचीत की गई तो सीधे तौर पर किसी ने जवाब देना उचित नहीं समझा | यानि इस साल न तो बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले थमेंगे, और न ही बंद पड़ी 136 बसें दोबारा शुरू हो पाएंगी | अफसरों का कहना था कि बोर्ड कार्यकारिणी के प्रस्ताव में विभागीय स्तर पर तो विचार विमर्श चल रहा है | साथ ही इसमें पेपर लीक करने वालों पर रासुका लगाने का भी ज़िक्र है, जो कि गृह विभाग द्वारा किया जाना है इसकी प्रक्रिया चल रही है बोर्ड की ओर से प्रस्ताव को भेजे तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है अब तक इस पर किसी तरह की प्रगति नज़र नहीं आ रही है | लेकिन इसमें कितना समय लगेगा इसका जवाब उनके पास नहीं है | यानि इस साल भी बेखौफ पेपर लीक होंगे |
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