भोपाल : 23/01/2024 : मंगलवार से शासकीय पंडित खुशिलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज में शुरू हो रहे दो दिवसीय सेमिनार में देश के जाने- माने विशेषज्ञ मंथन करेंगे | ताकि प्रदेश की सालों पुरानी 33 आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग जल्द पूरे देश में किया जा सके | इन औषधियों का एक्सपेरिमेंटल और क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा, इस ट्रायल में यह औषधियां कारगर साबित हुईं तो इसके आधार पर ही इनको लोगों पर उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी | इसके पहले इन औषधियों को आयुर्वेदिक फार्माकोपिया में शामिल किया जाएगा | दरअसल, ट्राइबल जिलों में सालों से इन औषधियों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन एक्सपेरिमेंट और क्लीनिकल ट्रायल नहीं होने के कारण इन्हें आयुर्वेदिक फार्माकोपिया में शामिल नहीं किया गया था | डिंडौरी, मंडला, शहडोल और अनूपपुर में पाई जाने वाली इन औषधियों को आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया में शामिल करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हुई है | देश में इस तरह का यह पहला प्रयोग होगा | इस रिसर्च प्रोजेक्ट में 30 लोगों की टीम काम कर रही है, एक जिले में 6 फील्ड कॉर्डिनेटर की ओर से तीन महीने फील्ड में सर्वे किया | इनहोने क्षेत्रीय वैद्द और परिवारों से संपर्क कर 406 औषधियों को खोजा, जिनका उपयोग किया जाता है | फील्ड में काम करने वाली टीम ने 35 ऐसी औषधियां उपलब्ध कराई थी, जिनकी पहचान ही नहीं हो पाई थी | पहले हुए दो सेमिनार में विशेषज्ञों ने 10 औषधियों की पहचान की तो 25 ही बची हैं, इन्हीं की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है | यह उपयोगी हैं या नहीं इनकी पहचान करके शोधकर्ता इन्हें दुनिया के सामने रखना चाहते हैं, ताकि भविष्य में इनको भी मरीजों के उपयोग के लिए आयुर्वेदिक फार्माकोपिया में शामिल किया जा सके |
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