भोपाल : 24/01/2024 : राजधानी में बन रहे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में कुल तीन स्टेडियम बनाए जाने हैं, पहला एथलेटिक्स स्टेडियम दूसरा हॉकी फील्ड और तीसरा प्रैक्टिस ग्राउंड करीब 100 एकड़ में बन रहे इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पहले फेज में 50 एकड़ के भीतर एथलेटिक्स ग्राउंड, हॉकी टर्फ और हॉकी प्रैक्टिस फील्ड का निर्माण किया जाना है, लेकिन इनमें से सिर्फ पहले स्टेडियम का निर्माण अभी 50% भी नहीं हुआ है | इन तीनों स्टेडियम में लगने वाली फ़्लड लाइटें खरीदी में भी अफसरों का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है | अफसरों ने वास्तविक कीमत से दोगुने में फ़्लड लाइट का टेंडर कर वर्कऑर्डर भी जारी कर दिया | अफसरों ने आनन-फानन में फ़्लड लाइट 3.1 लाख रु. प्रति नग के हिसाब से खरीदना बताया जबकि इस कंपनी की इसी स्पेसिफिकेशन वाली लाइट बाजार में 1.38 लाख रु. में उपलब्ध है | अफसरों की इस धांधली को उन्होने लाइटें लगाने और मेंटेनेंस का खर्च बताया | कुल 666 फ़्लड लाइट की खरीदी होनी है, इन पर करीब 20 करोड़ रु. खर्च होंगे यानी विभाग करीब 11 करोड़ रु. लाइटों की खरीदी पर अधिक भुगतान करने वाला है | पूरे मामले की जांच करने के बाद सामने आया कि असल खेल रेट बढ़ाने में हुआ है | इस मामल में संचालक बीएस यादव से बात की तो उन्होने सभी तथ्य गलत बताए, जब उनसे लाइट की एमआरपी और टेक्निकल डेटा शीट मांगी तो नहीं दी, बोले आकर देखें | जब उनसे मिलने गए तो उन्होने दिल्ली के एक टेंडर की कॉपी दिखा दी इसके बाद काम करने वाले वेंडर सुनील कुमार गुप्ता ने एक लाइट की कीमत 3.1 सही बताने के लिए एक ब्रेकअप दिया | इसमें उन्होने स्वीकारा कि एक लाइट की बेस कीमत 1.38 लाख रु. ही है | बाकी 1.63 लाख रु. में दूसरे खर्चे निकालने पड़े | जब इस ब्रेकअप का एनालिसिस किया तो पता चला कि हर काम की कीमत बढ़ा चढ़ा कर लिखी हुई है |
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