भोपाल : 25/01/2024 : बड़े तालाब के बीचोंबीच बनी 300 साल पुरानी बाबा शाह अली शाह की दरगाह तकिया टापू के नाम से जानी जाती है | यहां रोजाना हजारों की तादाद में लोग अपनी मुरदों को पूरा करने के लिए हाजिरी लगाने आते हैं | यहां आने वाले लोग दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर, फूल खरीदते हैं | इस संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना अधिकार बताता है जबकि दरगाह की देखरेख करने वाले अब्दुल हाफ़िज़ नाम का शख्स खुद को दरगाह कमेटी का अध्यक्ष बताते हुए इसे अपने पुरखों की जायदाद बताते हैं | जिसके चलते टापू पर लगने वाली फूल चादर की दुकान वालों से दरगाह की देखरेख करने वाले रोजाना 2700 रु. अवैध वसूली कर रहे हैं | हैरत की बात तो यह है कि यह वसूली पिछले सात सालों से की जा रही है बावजूद इसके किसी को इसकी जानकारी नहीं है | हर साल यहां से 9 लाख से अधिक की अवैध वसूली हो रही है | जब वसूली का मामला उजागर हुआ तो बोर्ड ने इसे अपनी संपत्ति बताकर नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, वहीं जो दुकानदार से पैसे वसूल रहे थे वो खुद को पाक-साफ बताते हुए बोले कि हमारे पास सारा हिसाब मौजूद है | गौरतलब है कि 2015 में मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा अब्दुल हाफ़िज़ की अध्यक्षता में दरगाह कमेटी का गठन एक साल के लिए किया गया था, इस लिहाज से यहां से होने वाली कमाई का 7% हिस्सा वक्फ बोर्ड को जमा कराया जाता है | जिसमें से 1% केंद्रीय वक्फ बोर्ड को जाता है, बाकी का हिस्सा दरगाह के जिम्मेदारों द्वारा दरगाह के मेंटेनेंस में खर्च किया जाता है | ऐसी व्यवस्था होने के बाद भी दरगाह परिसर बदहाल हो चुकी है | जबकि इसके मेंटेनेंस के लिए नगर-निगम ने 2011 में 13 लाख रु. खर्च किए थे | उसके बाद से यहां पर किसी भी तरह का मेंटेनेंस नहीं होने के कारण टापू की हालत बदतर हो गई है |
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