नई दिल्ली : 30/01/2024 : रेलवे में सीबीआई ने रिश्वतखोरों की एक बड़ी गैंग पकड़ी है, जिसमें रेल मंत्रालय के गुवाहाटी में तैनात अफसरों द्वारा की गई धांधली सामने आई है | इन अफसरों ने दफ्तरों में काम किए जाने वाले सिस्टम की आड़ में अपना अलग सिस्टम बना रखा था | यह अफसर असम की मेसर्स भारतीय इंफ्रा प्रोजेक्ट लि. (बीआईपीएल) को नॉर्दन फ़्रंटियर रेलर्ब के जीरीबाम-इंफाल रेल प्रोजेक्ट के सभी टेंडर दिलाए और बिना जांच किए बिल पास कर दिए | इन टेंडरों को पास करने के लिए इन 7 अफसरों ने कंपनी से बिल में दर्ज राशि के प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत तय की थी | रिश्वत की रकम अफसर अपनी पत्नी, बेटा, बेटी और अन्य रिशतेदारों के खातों में ट्रांसफर करवाते, रकम कैश होती तो रिशतेदारों को पैसा लेने भेजते ज़्यादा रिश्वत के लिए ये अफसर कंपनी को ज़्यादा अमाउंट के फर्जी बिल लगाने को कहते थे | कंपनी ने रिश्वत देने के लिए तीन बैंक खाते खुलवाए, दो एसबीआई तो एक एचडीएफसी बैंक में खुलवाया | जब इस मामले की शिकायत सीबीआई से हुई तो जांच एजेंसी ने 13 अफसरों पर छापे मारे इस दौरान सातों रिश्वतखोरों का पूरा चिट्ठा रजिस्टर में मिल गया | पता चला है कि डिप्टी चीफ इंजीनियर रामपाल, एक्सईएन जितेंद्र झा, बीयू लश्कर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर ऋतुराज गोगोई, धीरज भगवती, मनोज सैकिया, मिथुन दास ने मिलकर 60 करोड़ रु. से अधिक की रिश्वत ली है | अब एजेंसी कंपनी के बिलों को पास करने वाले आदेशों और पूर्व में जमा बिलों की भी जांच कर रही है |
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