भोपाल : 30/01/2024 : मामला राजधानी के 1250 स्थित वन स्टॉप सेंटर का है, यहां पिछले 9 साल से बतौर डेस्क वर्कर काम कर रही रानी गढ़वाल को उनकी गर्भावस्था के दौरान सहायता देने के बजाय उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया | उन्होने बताया कि सेंटर प्रबंधन ने उसका हाथ पकड़कर ऑफिस से निकाला इसी को लेकर रानी ने 9 जनवरी को जिला कलेक्टर के पास लिखित शिकायत की थी, लेकिन रानी को अब तक कोई सहायता नहीं मिली है | रानी की तीन बेटियां हैं, उसका पति भी उसे छोड़कर जा चुका है | रानी रातीबड़ में एक किराए के मकान में रहकर अपना गुज़र बसर करती है रानी ने वन स्टॉप सेंटर चलाने वाले एनजीओ के हेड ऑफिस में भी मेल करके अपनी परेशानी बताई, लेकिन वहाँ से भी अब तक किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिला है | गर्भावस्था के दौरान वह 8 महीनों से परेशान है, उसने कहा कि मेरे प्रति ऑफिस स्टाफ का व्यवहार बदल गया | डेस्क वर्कर होने के बावजूद मुझसे झाड़ू पोंछा तक कराया जाने लगा | मेरा जब छठा महीना लगा तो ऑफिस वालों ने मुझ पर सभी तरह के काम करने का बोझ डाल दिया, मुझसे बाहरी काम भी कराए गए | मुझसे दिवाली पर सफाई कराई गई मैने मना किया और नाइट ड्यूटी की मांग की तो साफ कहा गया कि काम नहीं करोगी तो वेतन काट लिया जाएगा | इस संबंध में वन स्टॉप सेंटर प्रभारी सौम्या सक्सेना का तर्क है कि रानी को संस्था द्वारा नहीं निकाला गया, वह तो खुद बिना बताए गायब है | हमारी पॉलिसी के तहत 2 बच्चों तक ही पेड मातृत्व अवकाश दिया जाता है | रानी का यह चौथा बच्चा है रानी द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप झूठे हैं |
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