भोपाल : 05/02/2024 : दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर खोली गई प्रदेशभर में 18 संजीवनी क्लीनिक हैं, लेकिन यहां आने वाले मरीजों का इलाज करने के बजाय डॉक्टर अपनी पीजी की पढ़ाई में व्यस्त हैं | और नर्सों द्वारा मरीजों का इलाज तो हो ही रहा हें साथ ही डॉक्टर का पूछने पर कहा जाता है कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं | इन क्लीनिकों पर मरीजों को पूरे आठ घंटे इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ पांच घंटे ही मिल रहा इलाज | लोग दूर से डॉक्टर को दिखाने पहुँचते हैं, और उन्हें दवा के नाम पर एक टेबलेट थमाकर चलता कर दिया जाता है | बिना डॉक्टर की सलाह के यहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है इस लापरवाही के लिए जब डॉ. कार्तिक कुमार के छुट्टी पर होने की बात शुक्रवार को सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी से पूछी तो उन्होने इस बारे में जानकारी न होने की बात कही उनका कहना है कि अगर ऐसा मामला है तो डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करूंगा | उसके बाद भी कोई नोटिस जारी नहीं होने पर जब दोबारा उनसे सवाल किया गया तो उन्होने बात को टालते हुए फोन काट दिया | यहां सपोर्टिंग स्टाफ को सुबह 8:30 बजे क्लीनिक पहुँचकर साफ-सफाई के बाद 9 बजे क्लीनिक शुरू कर लेना चाहिए, लेकिन यहां 10 बजे के बाद ही स्टाफ आता है | इस दौरान मरीज बाहर बैठकर डॉक्टर का इंतज़ार करते हैं, दो बजे के बाद डॉक्टर दो तीन मरीजों को देखते हैं और तीन बजे के बाद क्लीनिक को बंद कर निकल जाते हैं | इस संबंध में जब डॉक्टरों से पूछा गया तो उन्होने कहा कि पदस्थ स्टाफ को छह माह से वेतन नहीं मिला है, साथ ही स्टोर से दवाएं समय पर नहीं आती हैं | ऐसे हालातों में यहां काम करना मुश्किल हो गया है सोचता हूँ कि नौकरी ही छोड़ दूँ |
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