नई दिल्ली : 06/02/2024 : देश में प्रतियोगी स्तर की परीक्षाओं के पेपर लीक होना नई बात नहीं है, इससे हजारों युवाओं का भविष्य संकट में है | 8 सालों में विभिन्न राज्यों में 70 से अधिक मामले पेपर लीक होने के सामने आए हैं | इससे एक करोड़ से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं | पुलिस ने जांच में पाया कि पेपर लीक के मामलों में पैसों का लेन देन भी हुआ है | सरकारी अधिकारी, टीचर और प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी भी लिप्त मिले | कई मामलों की जांच ईडी, सीबीआई भी कर रही है | मप्र सहित कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं | अब सरकारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और नकल, फर्जी वेबसाइट जैसी गड़बड़ियों पर रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में विधेयक पेश किया | सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 में उल्लेख है कि कोई व्यक्ति, समूह या संस्थान पर्ची या आंसर लीक करते है, परीक्षा में किसी तरीके से अभ्यर्थी की मदद करते हैं और कंप्यूटर नेटवर्क या सिस्टम से छेड़छाड़ करते हैं तो यह अपराध माना जाएगा | ऐसे व्यक्ति को 3 से 5 साल तक की सज़ा और 10 लाख रु. जुर्माना देना होगा | संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल तक की सज़ा और 1 करोड़ रु. जुर्माने का प्रावधान है | सर्विस प्रोवाइडर पर 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है | परीक्षा की लागत भी उससे वसूली जाएगी | ऐसे सर्विस प्रोवाइडर चार साल तक सार्वजनिक परीक्षा नहीं करवा सकेंगे | विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, एनटीए की परीक्षाएं सहित केंद्र सरकार के मंत्रालय, विभागों, के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाएं शामिल करने का प्रस्ताव है |
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