जबलपुर/ भोपाल : 06/02/2024 : राजधानी में लीवर ट्रांसप्लांट से जुड़ा एक अनूठा मामला सामने आया है, मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है | उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है उसे लिवर ट्रांसप्लांट होना है, और छोटा भाई लिवर देने के लिए तैयार है उसकी जांच भी हो गई उसमें लिवर मैच भी हो गया | लेकिन मामला जब बिगड़ गया तब छोटे भाई की पत्नी ने लिवर देने से पति को मना कर दिया | चूंकि, आर्गन डोनेशन रजिस्ट्रीकरण का नियम है कि जब तक मरीज के परिजनों की सहमति नहीं मिल जाती, अंग प्रत्यारोप नहीं किया जा सकता | जब नियम भी आड़े आ गए तो पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ मामला हाईकोर्ट में रख दिया कोर्ट में छोटे भाई ने कहा कि मैं अपने शरीर के लिए जिम्मेदार हूँ, और लिवर देने के लिए स्वतंत्र हूँ | तब जाकर आखिर में कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया कि छोटा भाई बड़े भाई को लिवर दे सकता है | क्योंकि, दोनों के बीच जेनेटिक संबंध हैं, और पत्नी के आरोपों को लिवर ट्रांसप्लांट के मामले में स्वीकार नहीं किया जा सकता |
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