भोपाल : 06/02/2024 : प्रदेश की तीन शासकीय प्रिंटिंग प्रेस दो सालों से बंद पड़ी हैं, प्रेसों में चौकीदारी करने के नाम पर 11 वरिष्ठ कर्मचारी कामचोरी कर रहे हैं | इन कर्मचारियों का कहना है कि यहां रखी प्रिंटिंग मशीन और अन्य सामग्री की सुरक्षा करते हैं | जबकि इन्हें पहले ही बंद कमरों में रखा गया है, इनकी सुरक्षा के लिए अलग से चौकीदार भी नियुक्त हैं | ऐसे में यह कर्मचारी वहां क्या काम करते हैं ? इन कर्मचारियों को हर महीने 60 से 70 हज़ार रु. मुफ्त का वेतन मिल रहा है | इन कर्मचारियों से हर महीने 80 हज़ार रु. की वसूली कमीशन के रूप में अफसरों द्वारा की जाती है | इसके अलावा कर्मचारियों की कमी के चलते भोपाल स्थित केंद्रीय शासकीय प्रिंटिंग का काम प्रभावित होता है | शासकीय केंद्रीय मुद्राणालय में आने वाले काम को निजी प्रिंटर्स से कराते हैं और बदले में उनसे मोटा कमीशन वसूलते हैं | इन कर्मचारियों में प्रिंटिंग मशीन के सीनियर कंपोजिटर, सीनियर और जूनियर मशीन मैन के अलावा बाइंडर व इंकर जैसे कर्मचारी हैं | यदि यह कर्मचारी ईमानदारी से भोपाल स्थित शासकीय केंद्रीय मुद्राणालय में काम करते तो इनसे शासन को दो सालों में करोड़ों रु. का राजस्व लाभ होता | लेकिन यह सभी चौकीदार बनकर हर महीने 60 हज़ार रु. वेतन लेकर शासकीय खजाने को दो सालों में 1 करोड़ 40 लाख रु. से अधिक का नुकसान पहुंचा चुके हैं | इस संबंध में वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों को इन सबको भोपाल बुलाने के लिए कहा गया है, लेकिन कमीशनखोर अधिकारी इन कर्मचारियों को भोपाल लाना ही नहीं चाहते | वर्तमान में ग्वालियर में 5, इंदौर में 3, और रीवा में दो कर्मचारी चौकीदार बनकर मुफ्त का वेतन ले रहे हैं |
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