भोपाल : 08/02/2024 : शहर में कई जगह संजीवनी क्लीनिक खोले गए हैं जहां मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है लेकिन यहां आए मरीजों को कभी डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी डॉक्टर होने के बाद भी बहाना बनाकर बिना डॉक्टर को दिखाए दवा देकर चलता कर दिया जाता है | इस संबंध में जब जांच की गई तो सामने आया कि डॉक्टर अंदर रूम में बैठकर अपनी पढ़ाई करते हैं और मरीजों को नर्सों द्वारा गोली टिपा दी जाती है | इस मामले में जब सख्त कार्रवाई की गई तो पता चला कि इन डॉक्टरों को छह महीने से वेतन नहीं मिला इसलिए डॉक्टर परेशान होकर नौकरी छोड़ना चाहते हैं और अब यह गंभीरता से अपनी ड्यूटी नहीं निभा रहे हैं | इन सभी कर्मचारियों को हर महीने 12,880 रु. वेतन मिलता है, जिसमें से 10,380 रु. इनके खाते में पहुंचा दिए जाते है और बाकी पैसा ईपीएफ खाते में जमा किया जाता हैं | इन सभी को वेतन तो छह माह से नहीं मिला लेकिन हर महीने कटने वाला ईपीएफ 16 माह से उनके खाते में जमा नहीं हुआ | इस तरह से 85 कर्मचारियों का 6 महीने का लगभग 53 लाख रु. वेतन और 34 लाख रु. ईपीएफ का दिए बिना ही हायरिंग एजेंसी को बदल दिया गया | ऐसे में कंपनी 87 लाख रु. की चपत लगाकर गायब हो गई | इसकी ज़िम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है | अब सवाल यह उठता है कि जब श्री बर्फानी सिक्योरिटी सर्विसेज एजेंसी द्वारा लंबे समय से पीएफ नहीं भरा जा रहा था तो उसे ब्लैक लिसटेड करने और बकाया वसूलने की तैयारी क्यों नहीं की गई | जबकि कर्मचारियों द्वारा लगातार पत्र भेजे गए, इसके अलावा कंपनी को वेतन न देने पर 6 महीने का समय क्यों दिया गया ? पूरे मामले में सिक्योरिटी कंपनी के साथ अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है | तभी कंपनी इतने लंबे समय से बिना किसी परेशानी के बड़ी हेराफेरी को अंजाम देती रही |
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