भोपाल : 10/02/2024 :( नुजहत सुलतान) राजीव गांधी प्रौद्दोगिकी विश्व विद्दालय (आरजीपीवी) में छात्रों का करोड़ों रुपया हड़पने का मामला उजागर हुआ है, छात्रों के चेकों में गड़बड़ी कर निजी व्यक्ति के खातों में डाल दिए गए | यह चेक संस्थान के रजिस्ट्रार और कंट्रोलर फाइनेंस के हस्ताक्षर से जारी किए गए हैं | फर्जीबाड़ा पकड़ में न आए इस लिए संस्थान के दस्तावेज़ों में चेक में खाता नंबर तो वही दिखाया जिसमें पैसा गया, लेकिन इस खाते को आरजीपीवी का बताया गया | इस पूरे घोटाले में जो नाम सामने आया वह आरबीएल के रीज़नल मैनेजर कुमार मयंक का है | इस मामले में इतना अधिक फर्जीबाड़ा किया गया कि आरजीपीवी जिस खाते को अपना बता रहा है, वह खाता कुमार मयंक के नाम पर एक्सिस बैंक में है | इस संबंध में वीसी का कहना है कि जिस खाते में पैसा गया वह संस्थान का ही है | एफडी में संस्थान ने अलग-अलग चेकों के माध्यम से रुपए खाते में जमा कराए | 15 सितंबर 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच यूनियन बैंक के चार चेक जो जारी हुए वह 7 करोड़ के थे | आरजीपीवी ने दस्तावेज़ों में इसे अपना खाता बताया | आरजीपीवी ने हर ट्रांजेक्शन के लिए नोटशीट चलाई इसमें 20 करोड़ जैसी बड़ी राशि तो आरबीएल में अपने खाते में जारी की, लेकिन एक करोड़, दो करोड़ जैसी राशि के जो चेक जारी किए उनकी नोटशीट में खाता नंबर कुमार मयंक का डाल दिया गया | रजिस्ट्रार एचएस राजपूत ने बताया कि जो दस्तावेज़ दिखाए उनमें दो नंबरों पर एंट्री है, और दोनों ही नंबर आरजीपीवी के बताए गए हैं | जबकि एक खाता कुमार मयंक का है | राजपूत का कहना है कि वित्त का काम कंट्रोलर फाइनेंस देखते हैं, 200 करोड़ की एफडी के लिए नोटशीट चली | मेरे पास फाइल आई तो मैंने वीसी के लिए फॉरवर्ड कर दी, उनकी अनुमति के बाद ही पैसा डाला गया है | अब इस मामले में इंवेस्टिगेशन जारी है पूरी तरह से जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी |
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