भोपाल : 13/02/2024 : बरखेड़ा पठानी का मैदान सूरज ढलते ही अवैध शराब बेचने का अड्डा बन जाता है, यहां घनघोर अंधेरा होने के बाद पूरे मैदान में शराबियों की महफिल जमती हैं | यहां देसी, विदेशी, गोवा क्वार्टर सहित हर तरह की शराब मिल जाती है | यहां अंधेरे में हो रहा कारोबार मोबाइल की फ्लैश लाइट के ज़रिए ग्राहकों को बुलाकर किया जा रहा है | घने अंधेरे के बीच खुले मैदान में 300 मीटर अंदर जाकर चार लड़के शराब बेचते हैं | वो हर ग्राहक के चेहरे पर मोबाइल की लाइट मारकर उन्हें दुकानदारी शुरू होने का इशारा करते हैं | वह ग्राहक को सामने के रास्ते से आने का बोलते हैं, अगर कोई ग्राहक गलती से पीछे के रास्ते से आ जाए तो वह नाराजगी जताते और कहते हैं कि अगली बार सामने के रास्ते से आना अगर पीछे के रास्ते से आए तो शराब नहीं मिलेगी | पूछताछ करने पर लड़कों ने बताया कि हम यहां रोजाना 100 पेटी शराब की बेच देते हैं | पुलिस के बारे में पूछने पर वह बेखौफ होकर बोले कि हम उनका ख्याल रखते हैं वह हमारा ख्याल रखते हैं | वह पूरे रौब के साथ बोले कि सबको पता है कि यहां क्या हो रहा है | कोई भी गड़बड़ी महसूस होने पर गल्ला समेटकर तुरंत बिक्री बंद कर दी जाती है | जांच करने पर पता चला कि यहां मुख्य रूप से सस्ती शराब बेची जाती है | पास ही चार लड़के पानी के पाउच और डिस्पोज़ल लेकर बैठे थे यानी यहीं खरीदो और यहीं पी भी लो कोई परेशानी नहीं | हैरत तो इस बात की है कि इस अवैध शराब के कारोबार के बारे में न तो पुलिस को पता है और न ही आबकारी टीम के अफसरों को इस मामले की भनक लगी | या यूं कहे कि सब पता होने के बाद भी अफसर जानकारी न होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारियों से पड़ला झाड़ रहे हैं |
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