भोपाल : 14/02/2024 : शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में खांसी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, शहर के 30% लोग लंबे समय से चल रही खांसी से परेशान हैं | 25% मरीजों पर तो दवा का असर भी नहीं हो रहा है | लंबे समय तक होने वाली खांसी के प्रमुख कारणों में वायरस से इन्फेक्शन, धूम्रपन, संक्रमण, अस्थमा, पोस्ट नेजल ड्रिप जैसे कई कारण हैं | वायरस का एक पीरियड होता है जो 10 दिन में चला जाता है | लेकिन इस बार लंग्स में सूजन देकर जा रहा है | इसलिए इसे पोस्ट वायरस ब्रोंकाइटिस या हाइपर रिएक्टिव एयर –वे डिसऑर्डर कहा जा रहा है | इन मरीजों की कोविड सहित दूसरे कॉमन वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है | आमतौर पर इन कॉमन वायरस के मामले में मरीजों को एक से डेढ़ हफ्ता लगता है ठीक होने में | अब जो केस आ रहे हैं, उसमें खांसी इतनी खतरनाक है कि मरीजों की पसलियों और छाती में दर्द शुरू होने के साथ खाँसते-खाँसते उल्टियां आने लगती हैं | खासकर बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है | मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में अधिकतर मामले अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (यूआरआई) के आते थे, लेकिन अब एडिनोवायरस, पैरा इंफ्लुएंजा वायरस या पोस्ट वायरल इफेक्ट के मरीज अधिक हैं | मरीजों में खांसी के साथ ब्रोंकाइटिस के भी लक्षण हैं | ऐसे मरीजों की जांच स्टेट वायरोलॉजी लैब में हो रही है ऐसे मरीज दवा के साथ खट्टा न खाएं, सांस फूलना, सांसों में सेचुरेशन होना या सीने में तेज़ दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं |
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