भोपाल : 16/02/2024 :( नुजहत सुल्तान ) हमीदिया अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में संचालित कैथ लैब को 728 करोड़ की नई बिल्डिंग में शिफ्ट करने में बड़ी दिक्कत सामने आ गई है | पिछले 10 दिनों से इस कैथ लैब को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है, लेकिन इस नई बिल्डिंग में जहां कैथ लैब शिफ्ट की जानी है वहां 3 टन की मशीनों का भार सहने की स्ट्रक्चर की क्षमता ही नहीं है | दरअसल, हमीदिया के जिम्मेदारों ने प्लानिंग किए बिना ही कैथ लैब नई बिल्डिंग में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली | नई बिल्डिंग में कैथ लैब बनाए जाने का कोई प्रावधान ही नहीं था | कैथ लैब के लिए तोड़ फोड़ करने से पूरी बिल्डिंग का स्ट्रक्चर प्रभावित होगा | इधर कैथ लैब नहीं होने से रोज़ करीब 50 हज़ार से अधिक मरीज परेशान हो रहे हैं | इन्हें बाहर से जाँचे करवानी पड़ रही है | कैथ लैब की शिफ्टिंग में तीन महीने का समय लग सकता है | इस दौरान कैथ लैब बंद रहने की आशंका है | हमीदिया में पुरानी बिल्डिंग तोड़ने का काम तेज़ी से शुरू हो गया है | इसके बाद कैथ लैब में लगी मशीनों को खोला जाएगा | इसके बाद सामान को नए भवन में पहुंचाकर फाइनल हुए स्थान तक चढ़ाया जाएगा | अंत में मशीनों का इन्स्टॉलेशन किया जाएगा | ओपीडी में 2025 तक नई एडवांस कैथ लैब बनाए जाने का प्रस्ताव है | इसके बाद दो कैथ लैब होंगी | इधर, जीएमसी की कार्यकारिणी की बैठक में कैथ लैब की मशीनों की एएमसी व सीएमसी के लिए 30 लाख 68 हज़ार रु. मंजूर हुए थे | जीएमसी में कैथ लैब बनी जब इसका प्रभार टेक्नीशियन मनोज पिल्लई के पास था उसके बाद यह प्रभार तत्कालीन स्टाफ नर्स को दे दिया गया | 20 सालों से यह प्रभार टेक्नीशियन के बजाय नर्स के पास ही है | इस कारण लैब में होने वाले प्रोसीजर्स में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, टेक्नीशियन होने पर यह कठिनाइयां आसानी से हल हो सकती थी |
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