इंदौर : 16/02/2024 : रिश्वतखोरी के मामले में लोकायुक्त पुलिस जाल बिछाकर रिश्वत लेने वालों को पकड़ती है, जो लोग रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर रहे हैं, और पुलिस के पकड़ने के बाद जब उन्हें बयान के लिए कोर्ट में बुलाया जाता है तो वह बयानों से पलट जाते हैं | इसके चलते पुलिस की परेशानियां बढ़ गई हैं | अब ऐसे मामलों में अदालत सख्ती करेगी, अब कोर्ट न सिर्फ रिश्वत मांगने वालों को सज़ा देगी बल्कि जो लोग शिकायत के बाद कोर्ट में मुकर जाते हैं, उनके खिलाफ भी केस दर्ज कर सज़ा देगी | एक साल के भीतर अदालत में उनका समय बरबाद करने वाले ऐसे 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है | लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह कार्रवाई से पहले शिकायतकर्ता से शपथपत्र लेते हैं, जब पीड़ित पक्ष ही पलट जाता है तो कोर्ट में शपथपत्र पेश करते हैं, जो कार्रवाई का आधार बनता है | ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें फरियादी शिकायत करने के बाद पलट गया है | ऐसा ही एक मामला हातोद का है, हातोद की पटवारी दीपिका यादव ने बंटाकन के बदले किसान राधेश्याम से 5 हज़ार रु. की रिश्वत मांगी थी, उसने लोकायुक्त में शिकायत कर दीपिका यादव को पकड़वाया, पर कोर्ट में पलट गए | उन्होने कहा कोई रिश्वत नहीं मांगी गई, कोर्ट ने पलटने के बाद भी महिला पटवारी को चार साल की सज़ा सुनाई | वहीं लोकायुक्त संगठन के आवेदन पर कोर्ट ने राधेश्याम के खिलाफ भी केस दर्ज किया | इसी तरह के और भी मामले हैं जिनमें फरियादी के पलटने के बाद उन पर केस दर्ज किया गया है |
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