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बिना सुरक्षा इंतेजाम व बिना ट्रेनिंग के बिजली के खंभों पर चढ़ा दिया गया, ऐसे 500 कर्मचारियों की करंट से मौत, 1 हज़ार दिव्यांग हुए पर विभाग इनके परिवारों को 4 लाख देकर बेफिक्र |

भोपाल : 17/02/2024 : मप्र की विद्दुत कंपनियों में 75 फीसदी आउटसोर्स कर्मचारी बिना ट्रेनिंग व बिना सुरक्षा इंतेजाम के कर रहे जोखिम भरे काम | मप्र विद्दुत कंपनियों में 45 हज़ार आउटसोर्स कर्मचारी लगे हैं | मेंटेनेंस का जिम्मा इन्हीं के कंधों पर है, लेकिन जान जोखिम में डालने वाले इन कर्मचारियों को ऊर्जा विभाग का कर्मचारी नहीं माना जाता बल्कि इन्हें आम आदमी मानकर जोखिम भरा काम करवाया जाता है | 2005 में ठेकेदारी प्रथा शुरू हुई, तब से 500 कर्मचारियों की करंट लगने से मौत हो गई एक हज़ार के करीब दिव्यांग हो गए लेकिन इनके परिवारों की सुध न तो अफसर ले रहे हैं और न ही विभाग ले रहा है | करंट लगने से मंडला निवासी जितेंद्र मरावी की मौत हो गई उसके पिता ने बताया कि वह महज 24 वर्ष का था अभी तो उसको ज़िंदगी जीनी थी, अपने सपनों को साकार करना था | वह नौकरी नहीं करना चाहता था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए मैंने ही उसे नौकरी करने के लिए मनाया | उस दिन उसकी ड्यूटी नहीं थी, लेकिन साहब ने जबरदस्ती उसे पोल पर चढ़ा दिया | उसे करंट लगा और उसकी मौत हो गई अगर अफसर उसे सुरक्षा और ट्रेनिंग देकर चढ़ाते तो वह बच जाता, लेकिन एक गलती ने जवान बेटे को खत्म कर दिया | ऐसा ही एक मामला उमरिया की चंदिया तहसील निवासी अरविंद के साथ हुआ, वह संविदा लाइन परिचालक थे | दो अक्टूबर को 11 केवी की लाइन पर काम करते समय उन्हें करंट लगा और वह झुलस गए | उनका इलाज चला लेकिन दोनों हाथ काटने पड़े अस्पताल के खर्च के लिए 20 लाख रु. कर्ज़ लेना पड़ा कंपनी ने सिर्फ 3 लाख 6 हज़ार रु. ही दिए | जबकि खर्च 25 लाख रु. हुए आठ साल की बेटी हार्ट पेशेंट है | बेटी का इलाज व घर का खर्चा चलना मुश्किल हो गया है | इसी तरह के कई कर्मचारी है जो ड्यूटी नहीं होने के बाद भी काम करते समय करंट लगने से अपनी जान गवा बैठे और इनके परिवारों को 4 लाख रु. मुआवजा देकर अफसर व विभाग बेफिक्र हो गए | इनके संगठन का कहना है कि जोखिम वाले काम इन्हीं आउटसोर्स या संविदाकर्मियों से कराए जाते हैं, कंपनियां मुआवजा और नौकरी बचाने के लिए इन्हें अपना कर्मचारी भी नहीं मानती |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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