जबलपुर/ भोपाल : 23/2/2024 : भोपाल निवासी याचिकाकर्ता क्रोनिक किडनी डिजीज यानी किडनी फेल्योर का मरीज है | उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन कराना है | इसके लिए उन्होने पहले ही मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत अनुमति प्राप्त कर ली है | किडनी ट्रांसप्लांट निजी अस्पताल में होना है | याचिकाकर्ता की हालत गंभीर है | कोर्ट को बताया गया कि निजी अस्पताल की ओर से याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है | इसलिए अस्पताल को तत्काल ऑपरेशन करने के निर्देश देने की मांग की गई | हाई कोर्ट जबलपुर के जज जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने तत्काल ऑपरेशन करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है | कोर्ट ने कहा कि यह न्यायालय कोई डॉक्टर या विशेषज्ञ नहीं है | इन परिस्थितियों में यह न्यायालय उपचार करने वाले डॉक्टर को उसकी चिकित्सीय संतुष्टि के विपरीत भी ऑपरेशन करने का कोई सुझाव नहीं दे सकता है | यह न्यायालय इलाज करने वाले डॉक्टर की राय को खारिज करके अपनी राय नहीं बदल सकता |
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