भोपाल : 26/2/2024 : निगम के अधिकारियों द्वारा जिंदा लोगों को मृत बताकर उन्हें मिलने वाले 2-2 लाख रु. की लूट से जुड़े घोटाले में एक और चौंका देने वाला मामला उजागर हुआ है | इस मामले में सरकारी अफसर को मजदूर बताकर उनकी मृत्यु से ठीक चार दिन पहले उनके नाम की मजदूरी डायरी बनवाई गई | ज़ोन के अफसरों ने उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज़ लगाकर पहले फर्जी खाते में 6 हज़ार रु. ट्रांसफर किए | फिर एक महीने बाद 2 लाख भी तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के सिंगल क्लिक से डलवा लिए | इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इस कर्मचारी की मृत्यु के तीन साल बाद 2 लाख से अधिक की राशि खाते में ट्रांसफर होने की बात सामने आई | जबकि किसी मजदूर की मृत्यु हो जाती है तो इस योजना का लाभ महज 180 दिन के अंदर आवेदन करने पर ही मिलता है | जबकि इस मामले में मृत्यु अनुग्रह राशि का भुगतान मृत्यु तारीख से तीन साल बाद कराया गया | इस गड़बड़ी का पता लगाने जब सरकारी कर्मचारी के घर जाकर पूछताछ की गई तो जैन नगर में रहने वाले स्व. विनोद मालवीय के बेटे ने बताया कि 2 अक्टूबर 2020 को पिता की मृत्यु लिवर कैंसर के कारण हुई थी | वे सरकारी कर्मचारी थे इसलिए कर्मकार मंडल द्वारा मजदूरों को दी जाने वाली दो लाख रु. की राशि के पात्र नहीं थे | उन्होने बताया कि हमने तो कभी भी कहीं भी कोई आवेदन नहीं किया क्योंकि हमारे पिता सरकारी कर्मचारी थे और ये राशि मजदूरों को मिलती है | जब परिजनों को किसी खाते में 2 लाख रु. राशि ट्रांसफर होने की बात बताई तो वह चौंक गए | उन्होने कहा कि कोई दूसरा उनके पिता के नाम पर आवेदन कैसे कर सकता है ? जब उन्हें फर्जी भुगतान वाले 118 फाइलों की सूची दिखाई तो उनके होश उड़ गए | इस पर उन्होने जल्द नगर-निगम सहित पुलिस में इस मामले की शिकायत करने की बात कही | अभी तक की जांच में जिन प्रकरणों की मूल नस्तियां मिली हैं, उनके स्थलों की जांच कराई जा चुकी है | जिनकी मूल नस्तियां गायब हैं, उनके ईपीओ निकलवाकर उनके बैंक खातों में दर्ज पतों के आधार पर घर-घर जाकर पड़ताल की जाएगी | उसके बाद जो भी अधिकारियों का नाम फर्जीवाड़े में सामने आएगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी |
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