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तीन मिनट की चली आंधी ने बिजली कंपनी के मेंटेनेंस की हकीकत उजागर कर दी, शहर की 12 से अधिक कॉलोनियों में रातभर पसरा रहा अंधेरा |

भोपाल : 29/2/2024 : मंगलवार शाम चली तीन मिनट की आंधी और पूरा शहर अंधेरे में डूबा कई इलाकों में तीन घंटे तो कई में पांच घंटे तो कहीं पर तो पूरी रात लाइट नहीं आई जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा | बच्चों को फ्लैश लाइट, दिये की रोशनी में पढ़ाई करनी पढ़ी | एयरपोर्ट रोड की दो कॉलोनियों पवन होम्स, और भारती एस्टेट तो ऐसी रहीं जिनमें अगले दिन रात में यानी 28 घंटे बाद बिजली सप्लाई हो सकी | शहर में 12 कॉलोनी- मोहल्ले ऐसे रहे जहां रातभर बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी | कई कॉलोनियों में करीब 6 घंटे बिजली गुल रहने के बाद आधी रात में लाइट आई | इन दिनों सीबीएसई की 10वीं सहित कई कक्षाओं की परीक्षाएं चल रही हैं, इस दौरान लंबे समय तक बिजली गुल होने से इन 42 कॉलोनियों में करीब 65 हज़ार की आबादी अंधेरे में परेशान होती रही | 24 घंटे के अंदर 5 हज़ार के करीब शिकायतें कॉल सेंटर में पहुंची | चैटबोट पर 2300 शिकायतें दर्ज हुईं | बिजली कंपनी के चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ट्रेंड स्टाफ से मेंटेनेंस नहीं कराया जाता, रेगुलर स्टाफ की भी कमी है | इसी कारण तय मापदंडों पर मेंटेनेंस नहीं होता | जो जरूरी उपकरण हैं, उनकी खरीदी भी नहीं करते | पुराने, घिसे-पिटे इंस्ट्रूमेंट ही लगा दिए जाते हैं | यही कारण है कि सालभर में मेंटेनेंस के लिए मध्य क्षेत्र कंपनी को 326 करोड़ रु. मिले थे, लेकिन सिर्फ 120 करोड़ ही खर्च कर पाए | इधर, बिजली कंपनी के डीजीएम समीर शर्मा का कहना है कि हम प्रिवेंटिव मेंटेनेंस करते हैं, यदि आंधी में खंबे गिर जाएं तो समय तो लगता ही है | वैसे मैदानी अमले का बाकायदा पूल बनाया जाता है | ब्रेक डाउन मेंटेनेंस की प्लानिंग भी होती है |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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