खंडवा : 01/03/2024 : 5 साल के आंकड़े बताते है कि अदालत के आदेशों की नाफरमानी के मामले तेज़ी से बढ़े हैं, सबसे अधिक मामले पिछले साल दर्ज किए गए | सरकार अदालत के आदेशों की अनुपालना को लेकर अफसरों को गंभीर रहने की हिदायत दे चुकी है | बावजूद इसके अदालतों के आदेश की अनुपालना को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर गंभीर नहीं है | इससे अदालतों के अवमानना के मामले बढ़ रहे हैं | इस साल दो महीने में कोर्ट में अवमानना के 15 केस दर्ज किए गए हैं | ये मामले सिर्फ राजस्व विभाग के हैं, अन्य विभागों में यह संख्या इससे अधिक है | पिछले दिनों अदालत ने पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर को निलंबित करने का फरमान सुनाया था | तब से सरकार गंभीर हो गई, लेकिन अफसर संजीदा नहीं हुए | अफसरों की मनमानी लगातार जारी है | पिछले साल छिंदवाड़ा एनएचएआई के प्रोजेक्ट को वारंट तामील नहीं कराने पर हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को तत्काल निलंबित करने और डीजीपी को वारंट तामील कराने के आदेश दिए | तब एसपी और एनएचएआई के डायरेक्टर ने कोर्ट में माफी मांगी | इसी तरह एक अन्य मामले में पिछले साल कोर्ट ने छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन कलेक्टर अमर बहादुर सिंह को अवमानना का दोषी करार दिया था | कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना के मामले दायर होते हैं, अदालतें ऐसे अफसरों को सजा देने का अधिकार रखती हैं | ऐसा कई बार हो भी चुका है, आदेशों का पालन और उसकी निगरानी में अफसरों को संजीदा होना चाहिए ताकि जनता को सुलभ न्याय मिल सके |
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