भोपाल : 02/03/2024 : मप्र में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ डॉक्टरों के 100 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाने का प्रावधान था, सरकार ने 2022 में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए 25 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने का निर्णय लिया | मप्र लोकसेवा आयोग से ये भर्तियां करवाई गई और 28 फरवरी 2022 को 371 चयनित चिकित्सकों की सूची जारी हुई और 2 मई को 52 जिलों में चयनित चिकित्सकों के नियुक्ति आदेश जारी किए गए | इसमें चयनित डॉक्टर्स को एक महीने के भीतर नौकरी ज्वाइन करने का प्रावधान था | जो एक महीने के अंदर ज्वाइन नहीं करता है तो उसका नियुक्ति आदेश निरस्त माना जाएगा | और खाली पदों को वेटिंग लिस्ट से भरा जाएगा | लेकिन इसके दो साल बाद भी चयनित 120 डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की, और न ही वेटिंग लिस्ट से भर्तियां की गई 24 महीने बाद भी पद खाली पड़े हैं | इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है |अफसरों का कहना है कि एक महीने का नियम तो था, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया जटिल होने के कारण इसमें समय लग गया | इस मामले में डॉक्टरों द्वारा नौकरी ज्वाइन न करने पर 14 फरवरी को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान के निर्देश पर विभाग की अवर सचिव सीमा डहेरिया ने 78 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए | इनमें 18 डॉक्टर एनेस्थीसिया के, 17 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 17 चाइल्ड स्पेशलिस्ट और 26 महिला रोग विशेषज्ञ शामिल हैं | 42 डॉक्टरों की नियुक्ति इससे पहले रद्द की जा चुकी है |
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