भोपाल : 05/03/2024 :( नुजहत सुल्तान ) मप्र के बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार होने वाला जेपी अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है इस अस्पताल में इससे पहले भी कई बार व्यवस्थाओं को लेकर शिकायत मिल चुकी है | अब यहां का गायनी विभाग बंद होने की कगार पर है | इस 2.5 करोड़ रु. सालाना बजट वाले जेपी अस्पताल में जहां हर महीने 100 प्रसव होते थे वहीं अब हर महीने 10 प्रसव हो रहे हैं | दरअसल पिछले कुछ दिनों में गायनी विभाग से लगभग 30 स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिकल, ऑफिसर, नर्सिंग ऑफिसर, डीजीओ का ट्रांसफर हो चुका है | अब यहां सिर्फ डॉ. आभा जैसानी और पी. कुमार और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष पंचरत्न ही बचे हैं | इसलिए यहां सोमवार को गायनी विभाग तो खुला लेकिन जो महिलाएं आईं उन्हें काटजू अस्पताल जाकर डिलीवरी कराने की सलाह दी गई | स्वास्थ्य विभाग के फैसले के बाद जेपी अस्पताल ही देश में पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां प्रसव की सुविधा न के बराबर होगी | जेपी अस्पताल के डॉक्टरों के लगातार हो रहे ट्रांसफर को लेकर शहर के लोगों में नाराजगी है | जेपी के कर्मचारियों और कई संगठनों ने फैसले को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा है | जेपी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स होता है, इस कोर्स की मान्यता प्रदेश के सिर्फ 7 जिला अस्पतालों के पास है | ऐसे में जेपी से डिप्लोमा कोर्स भी बंद होने की संभावना है |
|