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आरजीपीवी एफडी घोटाले में हुआ बड़ा खुलासा, जांच कमेटी को जो दस्तावेज़ व स्टेटमेंट दिए गए वह फर्जी साबित हुए |

भोपाल : 06/03/2024 : राजीव गांधी प्रौद्दोगिकी विश्व विद्दालय (आरजीपीवी) में 200 करोड़ रु. का घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है | मामले की जांच का जिम्मा अब एसआईटी को सौंपा गया है | इससे पहले जो जांच कमेटी बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है | दरअसल, विवि के अधिकृत चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) ने बैंक अधिकारी कुमार मयंक के खाता नंबर को आरबीएल बैंक में विवि का खाता बताया था | सीए ने इस संबंध में एक प्रमाण पत्र भी वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन को दिया जबकि बैंक से पता चला कि यह खाता विवि का नहीं है | कमेटी ने इस गलत प्रमाणीकरण के संबंध में पूछताछ करने की सिफ़ारिश की है | रिपोर्ट के अनुसार जिन आरोपों के आधार पर जांच की गई थी वह सही साबित हुए | निजी खातों में राशि ट्रांसफर करने की बात सही पाई गई | लेखा शाखा के अफसर-कर्मचारी व वरिष्ठ स्तर जिन्होने इन ट्रांजेक्शन को अधिकृत व स्वीकृत किया, वे दोषी प्रतीत होते हैं | दरअसल, वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन ने आरबीएल बैंक से प्रमाणित प्रति कमेटी को दी तो पता चला कि लेखा शाखा ने कमेटी को जो दस्तावेज़ पहले उपलब्ध कराए थे, वह कथित तौर पर केवल जांच के लिए तैयार किए गए थे | बैंक से मिली असली खाता संख्या दूसरी थी | प्रतिविष्टियों में भी अंतर था और पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा व रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत जिस राशि की वापसी को आना बताकर जांच कमेटी को स्पष्टीकरण दे रहे थे , वे स्टेटमेंट भी फर्जी थे | आरबीएल बैंक ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारे यहां इस खाते के अलावा अन्य कोई खाता नहीं है | जब यूनियन बैंक से ट्रांसफर 3 करोड़ रु. के बारे में पूछा गया तो लेखा शाखा ने बताया कि उपलब्ध स्टेटमेंट संयुक्त स्टेटमेंट हैं | इसलिए 3 करोड़ रु. की राशि दूसरे खाते में जाने के स्थान पर इस खाते में दिखाई दे रही है | जांच के दौरान प्राप्त हुए प्रपत्र में एक नोटशीट की मूल प्रति व उसकी फोटो कॉपी जांच के लिए लेखा शाखा ने उपलब्ध कराई, इसके मूल प्रति में 17 नंबर का प्रष्ठ नहीं था जबकि इसकी फोटो कॉपी में यह था | इस प्रष्ठ की मांग करने पर पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत ने कहा कि मंत्री ने विधानसभा की जानकारी के लिए मूल प्रति के साथ बुलाया था, मूल प्रति उनके पास थी | बाद में 17 नंबर प्रष्ठ का फोटो कॉपी से मिलान किया तो फोटो कॉपी में आधे पेज में ही नोटशीट का विषय समाप्त हो गया | मूल प्रति में बचे आधे पेज को बाद में लिखकर रजिस्ट्रार सहित 4 के हस्ताक्षर भी हैं | जब एक्सिस बैंक से खातों की प्रमाणित प्रति मंगाई गई तो यहां कुल 6 खाते पाए गए, जिनमें सेविंग, स्थायी जमा व करंट खाते भी थे | इनमें चार खाते पिपरिया शाखा में खुले थे | अधिकृत बैंकों में आरबीएल नहीं है, फिर भी यहीं राशि जमा की गई | कुल 19.40 करोड़ रु. में से कुमार मयंक के खाते में 9.98 करोड़ व दलित संघ सोहागपुर के खाते में 9.50 करोड़ रु. ट्रांसफर किए गए | कई निजी बैंक खातों में एफडी कराई गई |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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